क्या है आरोप पीड़ित परिवार का आरोप है कि शिकायत करने के एक घंटे बाद स्थानीय पार्षद के कहने पर पुलिस घर पहुंचती है और चाय-नाश्ते की मांग करती है। पीड़ित परिवार के अनुसार, पुलिस बच्ची को खोजने की कोशिश नहीं की। अगर रात में ही पुलिस कार्रवाई करती तो शायद बच्ची आज हमारे बीच होती।
10 बजे शिकायत, 11.30 बजे घर पहुंची पुलिस दरअसल, शनिवार को शाम में 10 साल की मासूम किसी काम से 8 बजे घर से बाहर जाती है। लेकिन वह वापस नहीं आती है। परिजनों ने पहले खुद तलाश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। उसके बाद परिजन रात 10 बजे थाने में शिकायत करने पहुंचते हैं। परिजनों का आरोप है कि पुलिसवालों ने डांटकर उन्हें भगा दिया। बाद में स्थानीय पार्षद के कहने पर पुलिस रात 11.30 बजे पीड़ित के घर पहुंचती है।
कमला नगर का मामला दरअसल, रविवार की सुबह भोपाल के कमला नगर थाना के नेहरू नगर पुलिस लाइन से करीब 500 मीटर दूरी पर एक नाले में 10 वर्षीय मासूम की लाश मिलती है। इसके बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच जाता है। मौके पर परिजन पहुंचते हैं और लाश की शिनाख्त करते हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप के बाद हत्या की बात सामने आई है।
7 पुलिसकर्मी सस्पेंड बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या मामले में लापरवाही बरतने वाले 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक एएसआई देव सिंह, दो हवलदार नरेंद्र और जगदीश, चार सिपाही ब्रजेंद्र, रूप सिंह, प्रहलाद और वीरेंद्र सिंह निलंबित किया गया।