चलाने वाले: स्कूल वैन ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव कुमार सोनी ने बताया कि पिछले 2 साल से व्यवसाय बंद होने से वाहन खराब हो चुके हैं। ऐसे में वैन के चालक व कंडक्टर सब्जी बेचकर गुजारा कर रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के तहत वाहन चलाना पड़ा, तो एक वाहन में छह से आठ बच्चे ही बिठाए जा सकेंगे। ऐसे में किराया दोगुना करना मजबूरी होगी। वाहन सुधारने, टैक्स भरने एवं रूट परमिट लेने में समय लगने से एक तारीख से बसों का संचालन मुश्किल है।
कोरोना गाइडलाइन के अनुसार तैयारी में जुटे स्कूल संचालक
भोपाल. राज्य शासन के आदेश के बाद भोपाल जिले में मिडिल स्कूल खोलने के लिए तैयारी शुरू हो चुकी हैं। स्कूलों ने तीन दिन में कोरोना गाइडलाइन के अनुसार पूरी तैयारी करने का टारगेट तय किया है। ताकि एक सितंबर से स्कूलों में कोरोना बचाव के साथ कक्षाएं शुरू हो सकें। स्कूलों में शिक्षक पहले से आ-जा रहे हैं। इसलिए बहुत अधिक तैयारी करने की जरूरत नहीं है।
17 महीने बाद मिडिल स्कूलों में बच्चों के पहुंचने से रौनक लौटेगी। कोविड-19 का सख्ती से पालन कराने पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए कक्षाओं में विद्यार्थियों को भी दूरी बनाकर रखनी होगी। मिडिल स्कूलों में 25 मार्च 2020 तक परीक्षा का दौर चला था। इसके बाद कोरोना संक्रमण के कारण विद्यार्थियों और स्कूल की बीच जो दूरी बनी वह आज तक बनी हुई है।