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भोपाल

दोगुना हो सकता है बस-वैन का किराया, अभिभावकों पर पड़ेगा बोझ

एक सितंबर से स्कूल खोलने की घोषणा: खटारा हालत में छह हजार से ज्यादा बसें और वैन, टैक्स और किस्त में मांगी राहत

भोपालAug 28, 2021 / 10:22 pm

manish kushwah

दोगुना हो सकता है बस-वैन का किराया, अभिभावकों पर पड़ेगा बोझ

दोगुना हो सकता है बस-वैन का किराया, अभिभावकों पर पड़ेगा बोझ

भोपाल. एक सितंबर से सरकारी एवं निजी स्कूल खोलने की घोषणा के बाद बड़ा सवाल स्कूल बसों व वैन की व्यवस्था का है। करीब डेढ़ साल से स्कूलों से जुड़ी दो हजार बसें और चार हजार वैन खड़े-खड़े खटारा हो चुकी हैं। सभी के परमिट खत्म हो चुके हैं, किस्त जमा न होने से कई वाहन बैंकों ने सीज किए हैं। रोड टैक्स मद में भी काफी बकाया है।
स्कूल बस व वैन एसोसिएशन का कहना है कि यदि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के तहत वाहन चले, तो किराए में दोगुना तक वृद्धि करनी होगी। यह व्यवस्था भी तब बनेगी जब स्कूल संचालक संबंधित बस एवं वैन संचालकों को शेड्यूल के हिसाब से वाहन अटैच करने के पत्र जारी करेंगे। हालांकि किसी भी स्कूल संचालक ने इनसे संपर्क नहीं किया है।
बच्चों को पहुंचाने और लाने की जिम्मेदारी फिलहाल अभिभावकों पर ही रहेगी। स्कूल बस एवं वैन मालिकों नेे टैक्स, इंश्योरेंस, बैंक की किस्त एवं रूट परमिट की फीस में छूट मांगी है।
सब्जी बेच रहे वैन
चलाने वाले: स्कूल वैन ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव कुमार सोनी ने बताया कि पिछले 2 साल से व्यवसाय बंद होने से वाहन खराब हो चुके हैं। ऐसे में वैन के चालक व कंडक्टर सब्जी बेचकर गुजारा कर रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के तहत वाहन चलाना पड़ा, तो एक वाहन में छह से आठ बच्चे ही बिठाए जा सकेंगे। ऐसे में किराया दोगुना करना मजबूरी होगी। वाहन सुधारने, टैक्स भरने एवं रूट परमिट लेने में समय लगने से एक तारीख से बसों का संचालन मुश्किल है।
कोरोना गाइडलाइन के अनुसार तैयारी में जुटे स्कूल संचालक
भोपाल. राज्य शासन के आदेश के बाद भोपाल जिले में मिडिल स्कूल खोलने के लिए तैयारी शुरू हो चुकी हैं। स्कूलों ने तीन दिन में कोरोना गाइडलाइन के अनुसार पूरी तैयारी करने का टारगेट तय किया है। ताकि एक सितंबर से स्कूलों में कोरोना बचाव के साथ कक्षाएं शुरू हो सकें। स्कूलों में शिक्षक पहले से आ-जा रहे हैं। इसलिए बहुत अधिक तैयारी करने की जरूरत नहीं है।
17 महीने बाद मिडिल स्कूलों में बच्चों के पहुंचने से रौनक लौटेगी। कोविड-19 का सख्ती से पालन कराने पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए कक्षाओं में विद्यार्थियों को भी दूरी बनाकर रखनी होगी। मिडिल स्कूलों में 25 मार्च 2020 तक परीक्षा का दौर चला था। इसके बाद कोरोना संक्रमण के कारण विद्यार्थियों और स्कूल की बीच जो दूरी बनी वह आज तक बनी हुई है।

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