scriptवोट बैंक की राजनीति में बसाई जाती हैं झुग्गियां, सरकार बनते ही बंटते हैं पट्टे | bhopal news: vote bank politics in india | Patrika News
भोपाल

वोट बैंक की राजनीति में बसाई जाती हैं झुग्गियां, सरकार बनते ही बंटते हैं पट्टे

मास्टर प्लान 2031: शहर में हाउसिंग और स्लम मुद्दे पर एप्को परिसर में पब्लिक कंसल्टेशनप्राइवेट डवलपर्स- प्लान की सड़कें नहीं बनतीं, लेकिन बस जाती हैं झुग्गियांबीडीए व हाउसिंग बोर्ड- सस्ते मकान बनाने नहीं मिलती जमीन

भोपालSep 08, 2019 / 11:14 am

KRISHNAKANT SHUKLA

vote_bank_politics.png

भोपाल. सरकार मास्टर प्लान बनाने के नाम पर भले ही स्लम एरिया और हाउसिंग के मुद्दे पर राय मांग रही है, लेकिन वह खुद ही राजधानी में झुग्गियों को बढ़ावा देती है। सरकार चाहे कांग्रेस की हो या भाजपा की, हर एक के शासन में शहर की झुग्गियों में इजाफा हुआ है।

सुनियोजित तरीके से पहले कब्जे कराकर वोटर्स को बसाया जाता है फिर सरकार बनते ही इन्हें पट्टे देकर जमीन का मालिक बना दिया जाता है। मास्टर प्लान 2031 के मसौदे पर चल रहे पब्लिक कंसल्टेशन राउंड के चौथे दिन शनिवार को ये मुद्दे सिटीजन फोरम और के्रडाई से जुड़े डवलपर्स ने उठाए।

 

MUST READ : सोनिया नाराज, बढ़ सकती हैं सिंघार की मुश्किलें

 

स्लम और हाउसिंग के मुद्दे पर बैठक

संयुक्त संचालक सुनीता ङ्क्षसह की अगुवाई में पब्लिक कंसल्टेशन के लिए स्लम और हाउसिंग के मुद्दे पर मसौदे में प्रमुख बातें तय करने के लिए एप्को परिसर में बैठक हो रही है। इसमें प्राइवेट डवलपर्स ने टीएंडसीपी अफसरों को सलाह दी कि मसौदे में 2031 तक बनने वाली संभावित झुग्गियों और पट्टे की जमीनों को अभी से चिह्नित कर लिया जाए ताकि वे इससे बचकर अपने प्रोजेक्ट प्लान कर सकें।

क्रेडाई ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उनके प्रोजेक्ट के आसपास अवैध बसाहट से मार्केट खराब हो रहा है और अपराध बढ़ते जा रहे हैं। बीडीए और हाउसिंग बोर्ड जैसी सरकारी एजेंसियों ने कहा कि हाउसिंग फॉर ऑल का टारगेट पूरा करना है तो पहले से जमीन तय की जाए ताकि बाद में इस पर समय बर्बाद ना हो।

 

MUST READ : लक्ष्मी गणेश के बेस्ट सॉन्ग की देखें पूरी लिस्ट

 

होशंगाबाद रोड कमर्शियल, लेकिन सड़कों का पता नहीं

क्रेडाई ने कहा कि होशंगाबाद रोड को कमर्शियल घोषित किया जा रहा है, लेकिन मास्टर प्लान की अंदरूनी सड़कें अब तक नहीं बनी हैं। 1995 में ये प्लानिंग हुई थी, लेकिन पालन नहीं हुआ। मास्टर प्लान की सड़क पर आसाराम नगर बस गया। टीएंडसीपी ने आशिमा मॉल-कटारा हिल्स 80 फीट रोड निरस्त कर दिया है। इसके बदले अब कलियासोत-बर्रई सड़क बनाई जा रही है। इसमें भी सैंकड़ों कब्जे आड़े आ रहे हैं।

 

एचएफए के टारगेट पूरे नहीं होंगे

हाउसिंग बोर्ड और भोपाल विकास प्राधिकरण ने कहा कि सरकार हाउसिंग फॉर ऑल के टारगेट बढ़ा रही है, लेकिन इन्हें बनाने के लिए शहर में जमीन नहीं मिलती। जमीन मिलती भी है तो सरकार से पैसा नहीं मिलता। मास्टर प्लान बनाते समय हाउसिंग एजेंसियों के लिए पहले से जमीन चिह्नित की जाए, ताकि जिला प्रशासन को बार-बार जमीन अधिग्रहण के लिए पत्र नहीं लिखना पड़े। समस्या का समाधान जल्द किया जाए।

MUST READ : जहां से आ रही धमाके की आवाज, वहां जमीन के नीचे दरारों में भर रहा है पानी

 

लैंडयूज बदलने की प्रथा बंद करें टीएंडसीपी के अफसर

सिटीजन फोरम ने सवाल उठाया कि टीएंडसीपी के अफसर लैंडयूज बदलने के नाम पर शहर का नक्शा खराब देते हैं। मास्टर प्लान में दिखाने के लिए जमीन चिह्नित की जाती है, लेकिन बाद में रसूखदार लैंडयूज बदलवा कर इसका इस्तेमाल अपने हिसाब से करने लगते हैं। इससे शांति से रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। अरेरा कॉलोनी में अस्पतालों की भरमार इसका बड़ा उदाहरण है।

 

महज 20 मिनट समय को लेकर उठाए सवाल

डवलपर्स ने कहा कि 20 साल की प्लानिंग बनाई जा रही है और 20 मिनट का वक्त भी नहीं दिया जा रहा। के्रडाई के मनोज सिंह मीक ने कहा कि राजाभोज की प्लानिंग को मास्टर प्लान में शामिल किया जाना चाहिए। टीएंडसीपी जेडी सुनीता सिंह ने कहा कि क्या आप पुराने समय में वापस जाना चाहते है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो