इससे वाटर बॉडी तो प्रदूषित हुई ही, जलीय व वन्यजीवों को भी नुकसान पहुंचा।
विगत ३० सितंबर २०१८ रविवार को कलियासोत डैम में जल संसाधन विभाग की परमीशन के बिना मड कार रैली आयोजित की गई थी। आयोजकों ने वहां विशाल भीड़ जुटाई। वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट राशिद नूर खान ने रैली से पर्यावरण, जलीय जंतुओं व वन्यजीवों को खतरा बताते हुए रोकने के लिए कलेक्टर, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, डीएफओ वन विभाग व कमिश्नर नगर निगम से शिकायत की थी।
बताया गया कि इस रैली में पुराने वाहन प्रयोग किए गए, जिनपर पीयूसी भी नहीं था। शिकायत के बावजूद प्रशासन कलियासोत डैम में मड कार रैली को रोक नहीं पाया और अनुमति के बिना ही आयोजकों ने रैली संपन्न करवा ली।
रैली स्थल पर बड़ी संख्या में जुटे प्रतिभागियों व दर्शकों के लिए खान-पान की व्यवस्था भी की गई थी।
डीजे और शोरगुल से ईको सेंसिटिव जोन में ध्वनि प्रदूषण कई गुना बढ़ा, लेकिन इसकी मॉनिटरिंग नहीं की गई। शिकायत होने के बाद भी वाटर बॉडी में किए जा रहे आयोजन को रोकने के लिए संबंधित विभागों ने कोई प्रयास नहीं किया। आयोजनस्थल पर बड़ी मात्रा में खाने-पीने की चीजों का कचरा, पैकिंग के रैपर, प्लास्टिक के कई सामान, पॉलिथिन आदि कचरा भी वाटर बॉडी में डाला गया।
शिकायतकर्ता का कहना है कि यह खुलेआम वाटर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट १९७४ का उल्लंघन है। आयोजकों के खिलाफ इसके तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि कलियासोत डैम में एडवेंचर के नाम पर वर्षों से बिना परमीशन के मड कार या मड बाइक रैली जैसी प्रतियोगिताएं करवाई जा रही हैं। इन आयोजनों में होने वाले शोरगुल व प्रदूषण से वाटर बॉडी का स्वरूप ही नहीं बिगड़ता, बल्कि तमाम छोटे जलीव व वन्यजीवों की मौत भी हो जाती है। फिर भी जिम्मेदार विभाग कोई कार्रवाई नहीं करते।
मैं पारिवारिक कारण से अवकाश पर हूं, लेकिन रीजनल अफसर को कार्रवाई के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं। इस मामले में जल्द ही समुचित कार्रवाई की जाएगी।
– एए मिश्रा, सदस्य सचिव, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड