फागुन में किया जाता है भगोरिया हाट का आयोजन
दूसरी प्रस्तुति भील जनजातीय भगोरिया नृत्य की हुई। फागुन के मौसम में होली से पूर्व भगोरिया हाट का आयोजन होता है। भील युवक-युवतियां रंग-बिरंगे परिधानों में सजे-धजे गाते-बजाते, झूमते-नाचते सामूहिक नृत्य गेहर के साथ हाट में शामिल होते हैं। यहीं से युवक-युवतियां एक-दूसरे के सम्पर्क में आते हैं, आकर्षित होते हैं और जीवन सूत्र में बंधने के लिये भाग जाते हैं इसलिए इन हाटों का नाम भगोरिया पड़ा। भगोरिया नृत्य में विविध पदचाप समूहन पाली, चक्रीपाली तथा पिरामिड नृत्य मुद्राएं आकर्षण की केन्द्र होती हैं। रंग-बिरंगी वेशभूषा में सजी-धजी युवतियों का श्रृंगार और हाथ में तीरकमान लिये नाचना ठेठ पारम्परिक व अलौकिक सरंचना है।
भांगड़ा-गिद्दा संग हॉलीवुड सॉन्गस पर डांस कर किया धमाल
एक्सीलेंस कॉलेज में वार्षिकोत्सव तरंग में मंगलवार को स्वरचित काव्य पाठ, गायन, समूह-नृत्य समेत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। काव्य-पाठ में 25 प्रतिभागियों ने भाग लिया। वहीं गायन प्रतियोगिता के अन्तर्गत संस्थान के प्रतिभागी विद्यार्थियों द्वारा एक से एक संगीतमयी प्रस्तुतियां दी, जिसमें प्रतिभागियों ने मोह मोह के धागे, ऐ दिल है मुश्किल, अगर तुम साथ हो जैसे गीतों की प्रस्तुति देकर सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। अंत में समूह नृत्य का आयोजन हुआ जहां प्रतियोगिता में राधा-कृष्ण नृत्य, भांगड़ा और हॉस्टल ब्वॉयज के धमाकेदार नृत्य से समां बांध दिया।