भोपाल. रक्षाबंधन के दो दिन बाद किन्नरों के लिए बेहद खास दिन होता है। यह पर्व किन्नर समुदाय के लोग भोपाल में ही मनाती हैं। इसके पीछे कई पौराणिक मान्यताएं हैं। इस पर्व के भुजरिया पर्व के नाम से जानते हैं। इसे शनिवार के दिन भोपाल में सेलिब्रेट किया जाएगा। इस दिन किन्नर सज-धज कर भोपाल की सड़कों पर निकलती हैं। श्रृंगार से महिला किन्नर बॉलीवुड अभिनेत्रियों को मात देती है।
राजधानी भोपाल में शनिवार को सड़कों पर कैटरीना, करीना और दीपिका दिखेंगी। सड़कों में ठुमके लगाएंगी। अब आप सोच रहे होंगे कि क्या सच में पूरा बॉलीवुड राजधानी की गलियों और चौराहों पर उतर जाएगा। दरअसल, भोपाल की सड़कें शनिवार आम दिनों से अलग नजर आएंगी। आज फिल्मी सितारों के गेटअप में प्रदेश भर के किन्नर सड़क पर नाचते-गाते नजर आएंगे।
एक साथ सड़क पर क्यों उतरते हैं प्रदेश भर के किन्नर? बताया जाता है कि राजा भोज के शासन काल में भोपाल में जब सूखा पड़ा तो अकाल से मुक्ति पाने के लिए ज्योतिषाचार्य ने राजा भोज से किन्नरों से भुजरिया कराने का आग्रह किया। कहा जाता है कि तब से ही यह परंपरा भोपाल में चली आ रही है।
राखी के दो दिन बाद मनाया जाता है भुजरिया पर्व भुजरिया पर्व राखी के दो दिन बाद मनाया जाता है। इस पर्व की तैयारी राखी से लगभग 12 दिन पहले से ही की जाने लगती है। इस दौरान गेहूं के दानों को छोटे-छोटे पात्रों में अंदर मिट्टी में अंकुरित होने के लिए रख दिया जाता है।
बुधवाड़ा किन्नर घराने से शुरू होता कारवां यह कारवां भोपाल शहर के बुधवाड़ा किन्नर घराने से शुरू होता है और शहर के तालाब के पास मंदिर तक चलता है। इस दौरान किन्नरों की टोलियां मंगल गीतों पर झूमते हुए चलती हैं।
भुजरिया लेना शुभ मानते हैं लोग साल में एक बार होने वाले इस त्यौहार पर खुद को आकर्षक दिखाने के लिए किन्नर कपड़े और प्रसाधन पर जमकर पैसे खर्च करती हैं। किन्नरों के आशीर्वाद की मान्यता होने के कारण लोग भुजरिया लेना शुभ मानते हैं। इस पर्व में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के किन्नर भोपाल पहंचे हैं।
Home / Bhopal / रक्षाबंधन के दो दिन बाद किन्नर मानते हैं ये त्यौहार, श्रृंगार से बॉलीवुड हीरोइनों को देती हैं मात