नगरीय प्रसासन मंत्री भूपेंद्र सिंह बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि महाकाल लोक बनाने का निर्णय शिवराज सरकार ने साल 2017 में लिया था। उसके लिए 100 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया। उसमें से अतिक्रमण भी शिवराज सरकार ने हटाए। महाकाल लोक में टेंडर भी हमारे समय हुआ। फिर कांग्रेस की सरकार आ गई। वर्क आर्डर और सवा साल का काम कांग्रेस की सरकार के दौरान का है। तब मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री कांग्रेस के थे।
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि महाकाल लोक का पूरा काम गुणवत्ता के हिसाब से ही हुआ है। दिल्ली की संस्था सीपेट ने तकनीकी परीक्षण किया और टेक्नीकल टीम ने मूल्यांकन किया। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि कई अन्य राज्यों में एफपीआई की मूर्तियां लगाई गई हैं। पत्थर की मूर्तियों में समय अधिक लगता है। महाराष्ट्र के पंढरपुर, दिल्ली स्थित किंगडम आफ ड्रीम, अक्षरधाम मंदिर, कुरुक्षेत्र, सिक्किम, अक्षरधाम आदि में इस तरह की मूर्तियां चित्रकला के लिए उपयोग की जाती है।
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरासर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा रही है। महाकाल लोक में दो बार भुगतान तो पूर्ववत्ती कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने किया। यानी कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ। मेरी कांग्रेस को खुली चुनौती है कि कोई भ्रष्टाचार हुआ है तो उसके सबूत दिखा दे। नहीं तो माफी मांगे।