जिसमें उन्होंने बताया कि अपनी कानून व्यवस्था रि फारमेटिव है। जिसमें संगीन से संगीन जुर्म में भी आरोपी को अपने को सिद्ध करने का मौका दिया जाता है। फिर चाहे निर्भया जैसा कांड हो या फिर कसाब का।
महिलाओं को देता है प्राथमिकता….
मीटू केम्पियन जो की महिलाओं को प्राथमिकता देता है। यहां 51 लोगों की टीम ने संविधान बनाया था, जिसमें बाबा अंबेडकर जैसे ज्ञानी लोग भी शामिल थे। संविधान में महिलाओं के संरक्षण के लिए कई बातें लिखी है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि हर मर्द गिल्टी नहीं।
ऐसा क्यों। जबकि महिलाएं उस स्थिति में पाई जाती है। कहीं कामयाबी पाने के लिए यह आसान तरीका तो नहीं है। इस पर भी विचार होना चाहिए। यहां सिर्फ दो ही जातियां है महिला और पुरुष। इसमें किसकी और कितनी गलती है। विचार इस पर जरूरी है।
टीवी और फिल्म कलाकार निशि गंधा राजगढ़ जिले में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आई थी। निशि गंधा ने मां जालपा माता की चुनरी यात्रा के संबंध में कहा कि इतनी धूप में इतना बड़ा सैलाब पैदल चलते हुए मैंने पहली बार देखा, जिसमें बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं सभी शामिल थी।
मैं उनके सामने नतमस्तक हूं और देवी से प्रार्थना करती हूं। उल्लेखनीय है कि निशि गंधा मराठी में 116 फिल्में कर चुकी है और चार फिल्में हिंदी में अभी कर रही है।
जबकि कलर्स टीवी पर ससुराल सिमर का में मुख्य भूमिका के साथ ही अभी सावित्री देवी कालेज एण्ड हास्पिटल में लीड रोल कर रही है। चुनरी यात्रा में शामिल हुई।
गौरतलब है कि जब से मी टू की शुरूआत हुई तब से राजनीति से लेकर बालीबुड तक ऐसे कई लोगों पर आरोप लग चुके है। इस अभियान के आने से जहां महिलाएं अपनी बात को रख रही है वही दूसरी ओर जिन लोगों पर आरोप लगा है वे अब अपनी सफाई देते नजर आ रहे है।