आरोपियों ने सरकार से मिले बजट को अपने खाते में डालकर उसका भुगतान ले लिया है। इसके लिए आरोपियों ने फर्जी बिल लगाए हैं। बंदरबाट का खुलासा होने पर विभाग ने शाहजहांनाबाद, बैरसिया, चूनाभट्टी, ऐशबाग थाने में जालसाजी, गबन समेत अन्य धारा में मामला दर्ज कराया है। 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
गड़बड़ी 2015 से 2016 के बीच अंजाम दी गई।
महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक की तरफ से मिली रिपोर्ट में शहर के विभिन्न आंगनबाडिय़ों में पोषण आहार वितरण के अलावा अन्य कराए जाने वाले कार्यों के लिए बजट जारी होता है। इसमें से चार परियोजना अधिकारियों के कार्यालय शाहजहांनाबाद में स्थित पुरानी अदालत में संचालित हैं। इनमें चांदबड़, फंदा, बरखेड़ी, मोतिया पार्क के आस-पास की आंगनबाड़ी का पूरा लेखा-जोखा रखा जाता है। जांच में सामने आया कि फर्जी बिल प्रस्तुत कर करीब दो करोड़ रुपए से अधिक की रकम आरोपियों ने डकार ली है।
लेखा विभाग के कर्मचारियों को किया शामिल
शाहजहांनाबाद पुलिस ने परियोजना अधिकारी कृष्णा बैरागी, बीना भदौरिया, दिलीप जेठानी सुमेधा त्रिपाठी के खिलाफ जालसाजी और गबन का मामला दर्ज किया है है। इसी मामले में लेखा शाखा के कर्मचारी मीना मिंज, राजकुमार लोकवानी, अर्चना भटनागर, फूल सिंह उमठ और राहुल दत्त समेत 9 कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है।
चार थानों में दर्ज किए गए प्रकरण
अब तक की जांच में 2 करोड़ एक लाख 98 हजार रुपए का गबन सामने आया है। इसमें से चार परियोजना अधिकारियों से जुड़े मामले शाहजहांनाबाद पुलिस ने दर्ज किए हैं। इन चार अधिकारियों ने एक करोड़, 21 लाख, 70 हजार 931 रुपए का फर्जीवाड़ा किया है। बाकी राशि का फर्जीवाड़ा बैरसिया, चूनाभट्टी, ऐशबाग के परियोजना अधिकारियों ने किया हैं।