पूर्व मंत्री सरताज सिंह ने कहा, मेरा जिस तरह से इस्तीफा लिया गया, वह तरीका गलत था। खोया हुआ सम्मान वापस पाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, मैं तो न्याय की बात करूंगा। निर्णय सीएम और संगठन को करना है। क्या मंत्री पद के लिए फिर दावा पेश करेंगे, इसके जवाब में सरताज बोले, सीएम जो निर्णय करेंगे, वह मंजूर है।
गौरतलब है कि करीब साल भर पहले शिवराज सिंह सरकार से गौर और सरताज को 75 साल से अधिक के उम्र के लोगों को मंत्री नहीं बनाने के फॉर्मूले के नाम पर मंत्री पद से इस्तीफा ले लिया गया था। गौर ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने तो स्पष्ट कर ही दिया है कि ७५ वर्ष का कोई फार्मूला नहीं है, ऐसे में मंत्रिमंडल में वापस लेने का निर्णय तो अब मुख्यमंत्री को करना है।
गौर ने बताया, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान 75 साल वाला फॉर्मूला बताते हुए मुझसे लिखित इस्तीफा लेने आए थे। जब मैं लिखकर देने को तैयार नहीं हुआ तो नंद कुमार बोले, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने ऐसा करने को कहा है। फिर रामलाल जी से फोन पर बात हुई तो उन्होंने पार्टी हाईकमान के निर्देश का हवाला देते हुए इस्तीफा देने को कहा। तब मैंने इस्तीफा दे दिया।
इधर, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने एक कार्यक्रम में गौर और सरताज के बारे में सीधा तो कुछ नहीं कहा, लेकिन बोले, व्यक्ति विशेष से पार्टी और देश को कोई फर्क नहीं पड़ता।