जुलाई माह में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान यह विधेयक सदन में पेश किया गया था। इस विधेयक में गौ वंश के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें विपक्षी सदस्यों का आरोप था कि इस विधेयक में किए गए प्रावधान में कानून के दुरुपयोग की आशंका बढ़ जाएगी। वहीं गौ वंश परिवहन करने वाले बेखौफ हो जाएंगे क्योंकि इसके परिवहन पर रोक नहीं है।
विपक्षी सदस्यों के आरोपों पर स्पीकर ने विधेयक प्रवर समिति को सौंपने का आदेश दिया था। इस समिति के अध्यक्ष विधायक लक्ष्मण सिंह बनाए गए हैं। विधानसभा सचिवालय ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि इस विषय में रुचि रखने वाले व्यक्ति, विषय विशेषज्ञ, संस्थाएं सहित अन्यजन अपने सुझाव सचिवालय में दे सकते हैं। सुझाव 25 फरवरी तक ही स्वीकार किए जाएंगे।
यह प्रावधान है इस विधेयक में —
इस विधेयक में किए गए प्रावधान के तहत गौरक्षा के नाम पर हिंसा करने वाले लोगों को मध्य प्रदेश में 6 महीने से लेकर 5 साल तक के सख्त कारावास की सजा मिल सकती है। इसके अलावा इन लोगों पर 25 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक का आर्थिक जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
इस विधेयक में किए गए प्रावधान के तहत गौरक्षा के नाम पर हिंसा करने वाले लोगों को मध्य प्रदेश में 6 महीने से लेकर 5 साल तक के सख्त कारावास की सजा मिल सकती है। इसके अलावा इन लोगों पर 25 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक का आर्थिक जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
दोबारा अपराध पर दोगुनी सजा —
सदन में पेश किए गए विधेयक के अनुसार, यदि अपराधी दोबारा ऐसा अपराध करता है तो उसकी सजा दोगुनी कर दी जाएगी। गौरक्षा के नाम पर की गई हिंसा में यदि किसी व्यक्ति को पूर्व में न्यायालय ने दोषी ठहराया है और वह दोबारा गौरक्षा के नाम पर हिंसा का अपराध करता है, तो उसे उस अपराध में प्रावधान के तहत मिलने वाले कारावास की सजा की दोगुनी सजा दी जाएगी।
सदन में पेश किए गए विधेयक के अनुसार, यदि अपराधी दोबारा ऐसा अपराध करता है तो उसकी सजा दोगुनी कर दी जाएगी। गौरक्षा के नाम पर की गई हिंसा में यदि किसी व्यक्ति को पूर्व में न्यायालय ने दोषी ठहराया है और वह दोबारा गौरक्षा के नाम पर हिंसा का अपराध करता है, तो उसे उस अपराध में प्रावधान के तहत मिलने वाले कारावास की सजा की दोगुनी सजा दी जाएगी।