भाजपा विधि प्रकोष्ठ ने आयोग से चुनाव प्रक्रिया को परदर्शी और प्रमाणिक तरीके से कराने मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में निर्वाचन आयोग द्वारा तत्काल कोई कार्रवाई नहीं करना भारत निर्वाचन आयोग कीनिष्पक्षता पर भी सवाल खड़े करता है।
भाजपा ने आयोग को बताया कि छापे के दौरान जब्त की गई डायरी में पैसे के हिसाब-किताब का विस्तृत विवरण मिला है. उसमें विभिन्न सरकारी विभागों, कंपनियों, फर्मों से लिए गए नकद रुपए का विवरण है। इसमें इसका भी खुलासा है कि ये रुपए लोकसभा चुनाव के लिए मीनाक्षी नटराजन, मधु भगत और अजय सिंह को नकद दिए गए।
गौरतलब है कि छापे के दूसरे दिन ही आयकर विभाग ने स्थिति साफ करने हुए बताया था कि हवाल के जरिए 280 करोड़ रुपए जुटाए गए और उनमें से 140 करोड़ रुपए से अधिक बांट दिए गए। इन 140 करोड़ रुपए में से 17 करोड़ रुपए तुगलक रोड स्थिति कांग्रेस के एक बड़े नेता को दिए गए हैं।
आयकर की पूछताछ में पता चला कि इनमें से कुछ लोग अश्वनी शर्मा से जुड़े थे। इस सबने स्वीकार किया है कि पैसे जुटाए गए थे और इन्हें विभिन्न जगहों पर भेजा गया। 20 करोड़ रुपए का हवाला के जरिए लेनदेन हुआ है।