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जेल के दिनों को याद कर रो पड़ीं साध्वी, बोलीं- पीटनेवाले तो बदल जाते थे लेकिन पिटने वाली मैं अकेली थी

जेल के दिनों को याद कर रो पड़ीं साध्वी, बोलीं- पीटनेवाले तो बदल जाते थे लेकिन पिटने वाली मैं अकेली थी

भोपालApr 18, 2019 / 06:01 pm

Pawan Tiwari

sadhiv pragya thakur
भोपाल . दिग्विजय सिंह के खिलाफ उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पहली भार भाजता नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने खुलकर पत्रकारों से बाता किया. भोपाल में बात करते हुए साध्वी कैमरे के सामने रोने लगीं. उन्होंने कहा कि जेल में दिनभर मुझे पीटा जाता था. पीटनेवाले तो बदल जाते थे लेकिन पिटने वाली वो अकेली ही रहती थी.
साध्वी ने कहा कि अब एनआईए भी मान चुकी है वो आतंकवादी नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि जेल में 24 दिनों तक सिर्फ पानी दिया गया था, अन्न का एक दाना भी उन्हें नहीं दिया गया.
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पीटकर जबरन झूठ बुलवाया जाता था

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश रची गई थी. जेल में मुझे प्रताड़ित किया जाता था. जबरन मुझसे झूठ बुलवाया जाता था. कुछ लोग चाहते हैं कि मुझे फांसी पर लटका दिया जाए.
https://twitter.com/ANI/status/1118850392404692993?ref_src=twsrc%5Etfw
कौन हैं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ?

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का असली नाम प्रज्ञा सिंह ठाकुर हैं. इनका जन्म मध्यप्रदेश के भिंड जिले के कछवाहा गांव में हुआ था. बाताय जाता है कि प्रज्ञा का झुकाव बचपन से ही अध्यात्म की ओर था. इनको जानने वाले बताते हैं कि आरएसएस के संपर्क में आने के बाद इन्होंने संन्यास ले लिया था. बात करने और भाषण देने की कला के चलते बहुत जल्द हिन्दी भाषी प्रदेशों में अलग पहचान मिल गई.हिन्दुत्व के प्रचार के कारण वह भाजपा के नेताओं को प्रभावित करने लगीं और राजनीति में उनका वर्चस्व बढ़ता गया.
मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी

2006 मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया गया था. बताया जाता है जहां विस्फोट हुआ था वहां से उऩकी बाइक बरामद की गई थी. इस बाइक के बारे में बताया जाता है कि उस बाइक को उन्होंने बेच दी थी. इसी आधार पर 2008 में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया था और उन पर मकोका लगाया था. जांच में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कोइ सबूत नहीं मिले थे.
जोशी हत्याकांड में भी नाम

दिसंबर 2007 में आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी की हुई हत्या मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी आरोपी थीं. हालांकि 9 साल बाद जोशी हत्याकांड के सभी आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया था. बता दें कि 29 दिसंबर 2007 में देवाश इलाके में सुनील जोशी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा समेत आठ को आरोपी बनाया गया था.

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