कांग्रेस के एनपी प्रजापति के लिए चार प्रस्तावक और चार समर्थक रहे। तीन में कांग्रेस और चौथे में बसपा के संजीव सिंह प्रस्तावक एवं सपा के राजेश शुक्ला समर्थक रहे। जबकि भाजपा के विजय शाह के लिए शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा प्रस्तावक और समर्थक रहे। कांग्रेस के लिए सपा और बसपा के प्रस्तावक समर्थक होने का आशय यह भी है कि बसपा और सपा कांग्रेस के साथ है।
अध्यक्ष पद के लिए ४३ साल बाद वोटिंग की नौबत आई। वर्ष 1962 और 1967 में मतदान से अध्यक्ष चुने गए। यह संयोग ही रहा दोनों समय कांग्रेस सरकार थी और विपक्ष में जनसंघ रही। वर्ष 1962 में कुंजीलाल दुबे और 1967 में काशी प्रसाद पाण्डेय मतदान के जरिए अध्यक्ष चुने गए