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भाजपा के गढ़ बचाने में संघ ने झोंकी ताकत, प्रत्याशियों के भरोसे कांग्रेस

लोकसभा चुनाव 2019 : मालवा की तीन सीटों पर संघ की प्रतिष्ठा दांव पर

भोपालMay 16, 2019 / 08:01 am

KRISHNAKANT SHUKLA

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जितेन्द्र चौरसिया, भोपाल. मालवा-निमाड़ के सियासी रण में भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के सामने अपने किले बचाने की चुनौती है तो कांग्रेस के सामने बिखरी हुई ताकत समेटने और साख बनाने मौका। भाजपा की ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साख भी दांव पर है।

यहां आठ में से तीन सीटों पर संघ के टिकट वाले प्रत्याशी हैं, जिनमें से तीन चेहरे नए हैं। ये तीनों सीटें भाजपा ने 2009 में हारी थी, लेकिन 2014 की मोदी लहर में वापस जीत ली थीं। इस बार कोई लहर नहीं है, इसलिए चुनावी रणनीति में पहले से सतर्कता बरती जा रही है। संघ पर्दे के पीछे से बूथ से लेकर डोर-टू-डोर कैपेंनिंग में जुटा है।

कांग्रेस को हर सीट पर प्रत्याशी का दम है। उनके लिए गुटीय राजनीति के तहत अपने खेमे के दिग्गज नेता और उनकी टीम जरूर है, लेकिन संगठन के मोर्चे पर अकेले हैं। एक तरह से मालवा-निमाड़ की जंग में संघ की ताकत की परीक्षा भी छिपी है। मालवांचल में सिमी की जड़ें भी होने के कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यहां अपनी ताकत बिखरने नहीं देना चाहता।

संघ फॉर्मूला ऐसा

भोपाल लोकसभा सीट पर प्रज्ञा ठाकुर को प्रत्याशी बनाने और उनके लिए मैदान में डटने से संघ का चुनावी फॉर्मूला शुरू हुआ है। पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार संघ ज्यादा सक्रियता से चुनावी सूत्र संभाल रहा है। भोपाल में जहां पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के कारण संघ को मैदान संभालना पड़ा था तो मालवा में सिमी का केंद्र होने के कारण सक्रियता का महत्त्व है। यहां मोदी के चेहरे और हिन्दुत्व को अंडर करंट की तरह इस्तेमाल किए जाने की रणनीति पर काम हो रहा है।

बाकी चेहरे शिवराज-तोमर के

आठ में से चार सीटों पर संघ के चेहरे के बाद तीन टिकट पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान खेमे के हैं। इनमें नंदकुमार सिंह चौहान, जीएस डामोर और गजेंद्र सिंह पटेल शामिल हैं। वहीं, छतरसिंह दरबार केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर खेमे से माने जाते हैं।

अपने दम पर प्रत्याशी

कांग्रेस में प्रत्याशी को अपने दम पर ही चुनाव लडऩा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी और सीएम कमलनाथ सहित दूसरे दिग्गजों के दौरों से कुछ प्रत्याशियों को बूस्ट-अप डोज मिला है।
रतलाम-झाबुआ सीट पर कांग्रेसी दिग्गज कांतिलाल भूरिया अपने पूरे नेटवर्क के जरिए मजबूत प्रत्याशी हैं

खंडवा सीट में अरुण यादव भाजपा प्रत्याशी नंदकुमार सिंह से 2014 का हिसाब बराबर करना चाहते हैं। मंदसौर में मीनाक्षी और इंदौर में पंकज संघवी मैदान में हैं। सुमित्रा के मैदान में न होने को बड़ा अवसर मानकर संघवी ने पूरी ताकत लगा दी है। भाजपा का गढ़ बनी इंदौर सीट पर भाजपा प्रत्याशी शंकर ललवानी हैं।

मालवा-निमाड़ की आठों सीटें भाजपा जीतेगी। सिमी और आतंकवाद को यदि कोई रोक सकता है तो पीएम नरेंद्र मोदी।
– स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश प्रभारी भाजपा

संगठन हर सीट पर सक्रिय है। अब मालवा-निमाड़ की सीटों पर वोटिंग बची है, इसलिए वहां ध्यान दिया जा रहा है। प्रत्याशी की अपनी रणनीति रहती है। उसमें संगठन सहयोग करता है।
– चंद्रप्रभाष शेखर, संगठन प्रभारी, प्रदेश कांग्रेस

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