महाजन इस सीट से लगातार 8 बार सांसद रही हैं। यहां 30 साल बाद ऐसा मौका आएगा, जब सांसद के रूप में नया चेहरा मिलेगा। लालवानी पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उनका मुकाबला कांग्रेस के पंकज सिंघवी से होगा। दोनों में से कोई भी जीतता है तो वह पहली बार संसद पहुंचेगा। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय संगठन ने लालवानी के नाम पर 17 अप्रैल को ही मुहर लगा दी थी।
लेकिन स्थानीय नेताओं और महाजन समर्थकों के विरोध के कारण उस दिन लालवानी का नाम रोक लिया गया था, जो बाद में महाजन की सहमति पर मिला।महाजन ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। केंद्रीय संगठन ने महाजन से लालवानी के नाम पर सहमति देने को कहा। आखिर में उनकी हरी झंडी मिलने के बाद ही नाम घोषित किया गया।
सुमित्रा महाजन को केंद्रीय संगठन 75 साल के फॉर्मूले के आधार पर टिकट नहीं देना चाहता था। अपने नाम पर केंदीय संगठन में असमंजस की स्थिति देख खुद महाजन ने पत्र लिखकर चुनाव नहीं लडऩे का ऐलान किया था। केंद्रीय और प्रदेश संगठन ने कहा था कि इंदौर में जो भी उम्मीदवार तय होगा, वह महाजन की सहमति से होगा।