शनिवार को दिल्ली में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के बीच अध्यक्ष के चुनाव को लेकर तकरीबन एक घंटे तक मंत्रणा हुई। केंद्रीय संगठन चाहता है कि प्रदेश के सभी नेता सहमति से एक नाम तय कर दें, जिस पर मुहर लगाई जा सके। केंद्रीय नेतृत्व भी अपने स्तर पर सहमति बनाने में जुटी है। लगातार प्रदेश के नेताओं से उनकी राय जान रही है।
राम माधव आए थे एमपी
पिछले दिनों में प्रदेश अध्यक्ष की रायशुमारी के लिए तैनात राष्ट्रीय महासचिव राम माधव और राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने कोरग्रुप के सभी सदस्यों से राय लेकर केंद्रीय संगठन को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें पार्टी के बड़े नेताओं ने अपनी पसंद के नाम आगे बढ़ाए हैं। राम माधव ने अपने दौरे के दौरान संघ के नेताओं के साथ भी रायशुमारी की है। एमपी दौरे के दौरान दोनों नेताओं ने भोपाल और इंदौर का दौरा किया था।
पिछले दिनों में प्रदेश अध्यक्ष की रायशुमारी के लिए तैनात राष्ट्रीय महासचिव राम माधव और राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने कोरग्रुप के सभी सदस्यों से राय लेकर केंद्रीय संगठन को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें पार्टी के बड़े नेताओं ने अपनी पसंद के नाम आगे बढ़ाए हैं। राम माधव ने अपने दौरे के दौरान संघ के नेताओं के साथ भी रायशुमारी की है। एमपी दौरे के दौरान दोनों नेताओं ने भोपाल और इंदौर का दौरा किया था।
ये हो सकते हैं दावेदार
पार्टी नेतृत्व ऐसे तो कई नामों पर मंथन कर रही है। मगर चर्चा यह है कि केंद्रीय नेतृत्व ने कुछ नेताओं को अध्यक्ष पद के लिए चुना है। जिसमें वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह भी शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान या उनकी पसंद के एक नेता और खजुराहो से लोकसभा सांसद विष्णु दत्त शर्मा इस पद के प्रबल दावेदार हो सकते हैं। इसके साथ ही केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल और राज्यसभा सांसद प्रभात झा की दावेदारी भी सामने आ रही है।
केंद्रीय नेतृत्व को करना है आखिरी फैसला
प्रदेश के नेताओं से रायशुमारी के बाद आखिरी फैसला केंद्रीय नेतृत्व को ही लेना है। चर्चा यह भी है कि आलाकमान ने प्रदेश नेतृत्व को अपनी पसंद बता दिया है। अब सिर्फ लोगों से रायशुमारी हो रही है। लेकिन अभी नाम सार्वजनिक नहीं हुआ है। क्योंकि पिछले दिनों हुए जिलाध्यक्षों के चुनाव में कई जगहों पर विवाद की खबर सामने आई थी। ऐसे में इस बार केंद्रीय नेतृत्व सबकी सहमति के बाद ही नाम की घोषणा करेगी।
प्रदेश के नेताओं से रायशुमारी के बाद आखिरी फैसला केंद्रीय नेतृत्व को ही लेना है। चर्चा यह भी है कि आलाकमान ने प्रदेश नेतृत्व को अपनी पसंद बता दिया है। अब सिर्फ लोगों से रायशुमारी हो रही है। लेकिन अभी नाम सार्वजनिक नहीं हुआ है। क्योंकि पिछले दिनों हुए जिलाध्यक्षों के चुनाव में कई जगहों पर विवाद की खबर सामने आई थी। ऐसे में इस बार केंद्रीय नेतृत्व सबकी सहमति के बाद ही नाम की घोषणा करेगी।