इधर, कांग्रेस ने मंगलवार को ‘रोजगार की खोजÓ कैम्पेन फॉर्म जारी किया है। यह फॉर्म भरवाकर बेरोजगारों की खोज की जाएगी। फॉर्म में पूछा गया है कि उन्हें बेरोजगारी भत्ता मिलता है या नहीं। सरकार से रोजगार के लिए कोई लाभ मिला या नहीं। इनके जवाब हां या न में देना है। वहीं, कांग्रेस की सरकार बनती है तो रोजगार के लिए उनसे सुझाव भी लिए जाएंगे। विधानसभावार कैंप लगाकर फॉर्म भरवाने की जिम्मेदारी एनएसयूआई को दी गई है। फॉर्म १५ जुलाई तक भरवाकर मुख्यमंत्री को भी भेजे जाएंगे।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय महामंत्री एवं मध्यप्रदेश प्रभारी अंकित डेडा और प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने रोजगार के नाम पर युवाओं के साथ धोखा किया है। फॉर्म के जरिए पार्टी के पास युवाओं के नाम, पता, मोबाइल नम्बर के साथ शिक्षा की जानकारी जमा हो जाएगी।
प्रदेश में करीब 1.41 करोड़ युवा हैं। प्रदेश में पिछले दो साल में 53 प्रतिशत बेरोजगार बढ़े हैं। दिसम्बर 2015 में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 15.60 लाख थी जो दिसम्बर 2017 में 23.90 लाख हो गई है। प्रदेश में 48 रोजगार कार्यालयों ने मिलकर 2015 में महज 334 लोगों को ही रोजगार उपलब्ध कराया था।
– रिटायरमेंट एज बढ़ाए जाने से नाराज हैं युवा
प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध नहीं करा पा रही है। सरकारी महकमों में नई भर्तियां नहीं हो रही हैं। वहीं, सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज ६० से बढ़ाकर ६२ साल किए जाने से युवा नाराज हैं। एेसे में कांग्रेस उनकी नाराजगी को वोट बैंक में बदलने की तैयारी में है। ‘रोजगार की खोजÓ कैम्पेन फॉर्म इसी का हिस्सा है।
अभी मतदाता सूची पर काम चल रहा है। इसक बाद पन्ना कमेटी तैयार हो जाएंगी। इनका निचले स्तर पर होगा। ये कमेटी अधिक से अधिक लोगों को मतदान केन्द्र तक लाने का काम भी करेगी।
– चंद्रप्रभाष शेखर, संगठन प्रभारी एवं उपाध्यक्ष, प्रदेश कांगे्रस