दरअसल, नामांकन के लिए जैसे ही साध्वी कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचीं, वहां काला झंडा दिखाने की कोशिश की गई। पुलिस ने एनसीपी नेताओं को हिरासत में ले लिया है। उससे पहले बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उनकी पिटाई की। मामला बिगड़ते देख पुलिस ने झंडा दिखाने वाले युवकों भाजापा कार्यकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया।
वहीं, भोपाल के महापौर आलोक शर्मा ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि युवकों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो जमकर हंगामा करेंगे। काला झंडा दिखाने वाले युवकों पुलिस ने पुरानी भोपाल की तरफ खदेड़ दिया है। इस दौरान प्रशासन मुर्दाबाद के भी नारे लगे। साध्वी प्रज्ञा सिंह नामांकन दाखिल वापस लौट गई हैं।
उम्मीदवारी घोषित होने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि आईपीएस हेमंत करकरे की मौत उनके श्राप की वजह से हुई है। इस बयान की काफी किरकिरी हुई थी। बाद में साध्वी ने इसे लेकर माफी मांग ली थी। साध्वी ने यह भी कहा था कि उन्होंने जेल में मुझे काफी यातनाएं दी थीं।