कोरोना अब भले ही नियंत्रण में है, नए मरीज लगभग ना के बराबर हैं, लेकिन ब्लैक फंगस (म्यूकोर माइकोसिस) चिंता बढ़ा रहा है। भले ही ब्लैक फंगस के नए मरीज नहीं मिल रहे हों लेकिन इससे उबर चुके मरीजों की लापरवाही ही खतरा बढ़ा रही है।हमीदिया में अब तक 395 ब्लैक फंगस मरीजों की सर्जरी हुई, उनमें से 68 मरीज को दोबारा सर्जरी कराना पड़ रही है।
दवा लेने में लापरवाही का नतिजा
डॉक्टरों ने दोबारा सर्जरी कर शरीर के अन्य अंगों में फैले इस संक्रमण से मरीजों को बचाया है। डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर मरीजों ने समय पर एम्फ ोटेरिसिन दवा नहीं ली और लापरवाही बरती।
सात में से छह पुराने एक नया मरीज
इस समय हमीदिया अस्पताल में ब्लैक फंगस के सात मरीज भर्ती हैं। इनमें से सिर्फ एक मरीज ही नया है। अस्पताल के नाक, कान, गला विशेषज्ञ डॉक्टर यशवीर जेके के मुताबिक अब नए मरीज बहुत कम हा रहे हैं। लेकिन पुराने मरीजों में संक्रमण फिर दिख रहा है।
दवाई की कमी अब भी बरकरार
तीन महीने पहले जब कोरोना और ब्लैक फंगस भयावह स्थिति में था तब भी ब्लैक फंगस की दवा नहीं मिल रही थी। मरीजों को इंजेक्शन की जगह टेबलेट दी जा रही थी, लेकिन अब टेबलेट भी नहीं मिल रही। स्थिति यह है कि मरीजों को कई बार आधा डोज ही मिल पाता है। दूसरी ओर मरीज दवाएं समय पर नहीं ले रहे मरीज, साफ-सफाई का विशेष ध्यान नहीं रखते जिससे दोबारा संक्रमण हो रहा है।