भोपाल के हमीदिया अस्पताल और एम्स में 40-40 मरीजों की रोशनी बचाई जा चुकी है। हालांकि बीमारी की गिरफ्त में आने पर कई मरीजों की आंख तक संक्रमण इस कदर फैल गया कि इसे निकालने के अलावा किोई दूसरा विकल्प नहीं था। राजधानी के हमीदिया अस्पताल में 13 मरीजों को आंखों की रोशनी गंवानी पड़ी ।
इन्होंने दी मात
शाहजहांनाबाद के 26 वर्षीय रोशन कुकरेजा की नाक में खुजली और गंध आने के बाद हमीदिया में भर्ती कराया गया था। ब्लैक फंगस साइनस से होते हुए अपर ऑर्बिट वाले हिस्से में पहुंच गया था। सर्जरी से संक्रमण निकाला। संजय मीणा को आइएसबीटी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। एंडोस्कोपी में संक्रमण आंख के पिछले हिस्से तक पाया गया। डॉक्टरों ने सर्जरी कर संक्रमण आंखों तक जाने से रोक लिया।
मौतों का आंकड़ा बहुत कम
राजधानी में ब्लैक फंगस के मामले भले ही बढ़ रहे हों, लेकिन यहां इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा बहुत कम है। शहर में अब तक 360 मरीज सामने आ चुके हैं, इनमें से सिर्फ 34 की मौत ही हुई है। वहीं वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. एसपी दुबे के मुताबिक यह जागरुकता के चलते हुआ है। लोग अब थोड़ी सी परेशानी में डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं।