दूसरी आंख में दर्द की शिकायत लेकर पहुंची
महिला का ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक और स्टेट कोविड एंड म्यूकोरमाईकोसिस कमेटी के मेंबर डॉ.एसपी दुबे ने बताया कि जब महिला आई तो उसकी बाईं आंख के आस—पास सूजन थी। एंडोस्कोपी के माध्यम से हमने जब आंख का छेद में देखा तो दंग रह गए। वहां मक्खियों ने पूरा छत्ता बना कर अंडे दे दिए थे। वहीं करीब 150 अंडे लार्वा बन इल्लियों का रूप लेकर यहां वहां फैल रहे थे। करीब दो घंटे की सर्जरी कर हमने इल्लियां (माइट्स) बाहर निकाले। अब महिला की स्थिति ठीक है। उन्होंने बताया इल्लियों को एक जार में रखा गया था लेकिन वो निकल कर आईसीयू में फैल गईं।
ऑपरेशन के बाद म्यूकार की हुई पुष्टि
उन्होंने बताया कि प्रदेश में संभवत: यह पहला मौका है जब मरीज के चेहरे में इल्लियां जम गई हों। उन्होंने बताया कि महिला के नाक और जबड़े की हड्डी निकाली और जांच के लिए भेजा तो उसमें म्यूकर या ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई। करीब दस दिन एडमिट रहने के बाद उसे 15 दिन के लिए एम्फोटेरेसिन बी देकर डिस्चार्ज किया गया।
साफ सफाई और सावधानी बहुत जरूरी
डॉ.एसपी दुबे कहते हैं कि जिन ब्लैक फंगस के इलाज के बाद सावधानी बहुत जरूरी है। ऐसे खुले हिस्से को हमेशा ठंक कर रखना चाहिए। ताउम्र मच्छरदानी का प्रयोग करें ताकि कोई कीट अंदर ना चला जाए। हर रोज साफ सफाई बहुत जरूरी है। अगर यह महिला १० दिन लेट हो जाती तो इल्लियां रेंग कर इसके दिमाग तक पहुंच जातीं और उसकी जान पर संकट हो सकता था।