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भोपाल

पदनाम नहीं बदला तो मतदान नहीं करेंगे

शिक्षक समग्र संघ बोला- मुख्यमंत्री द्वारा चुप्पी साधने से स्पष्ट है कि सरकार की नीयत पदनाम देने की नहीं है

भोपालOct 05, 2018 / 01:28 am

Bharat pandey

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Manjhi samaj

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के एक साल बाद भी शिक्षकों के पदनाम पर सरकार द्वारा निर्णय नहीं हो सका है। इससे नाराज शिक्षकों ने विधानसभा चुनावों में मतदान नहीं करने के की धमकी दी है।

समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेशचंद्र दुबे, प्रमुख मार्गदर्शक रामनारायण लहरी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि शिक्षकों के पदनाम परिवर्तन का मामला ढाई साल से शासन स्तर पर लंबित है। मुख्यमंत्री ने 5 और 23 सितम्बर 2017 को शिक्षकों के मंच पर आकर उनके पद अपग्रेड करने की घोषणा की थी। इसके बाद भी मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारियों के विरोध चलते पदनाम का प्रस्ताव केबिनेट में जाने से रोका जा रहा है।

सुरेश चन्द्र दुबे ने कहा मुख्यमंत्री द्वारा इस मुद्दे पर चुप्पी साधने से स्पष्ट है कि सरकार की नीयत पदनाम देने की नहीं है। दुबे ने कहा कि इस मामले को लगातार टाले जाने से प्रदेश के एक लाख दस हजार शिक्षक परिवार नाराज हैं। उन्होने आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान नही करने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश में करीब 20 लाख से अधिक मत प्रभावित होंगे।

इधर, मांझी समाज ने कहा-उपजातियों को नहीं जोड़ा तो चुनाव में दबाएंगे नोटा का बटन
भोपाल।
मप्र मांझी आदिवासी की समाज का सम्मेलन व धरना गुरुवार को शाहजहांनी पार्क में आयोजित किया गया। निषाद सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद निषाद ने कहा कि सरकार ने 17 सितंबर को फिर से माझी जनजाति प्रमाण पत्र बनाने के आदेश जारी किए थे। हालांकि इसमें मांझी समाज की उपजाति भोई कलार निषाद मल्ला केवट ढीमर आदि को नहीं जोड़ा गया है। इससे उनके प्रमाण पत्र नहींबन सके हैं। सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो आने वाले दिनों में सीएम हाउस का घेराव करेंगे। सेना संरक्षक राजकुमार चौधरी ने बताया कि इस बार विधानसभा में समाज के लोगों को सही प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है तो चुनाव में पार्टियों का बहिष्कार कर नोटा का बटन दबाएंगे।

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