राजधानी में करीब सवा तीन लाख बीपीएल कार्ड धारक हैं, इन लोगों को परिवार सहित अलग-अलग सरकारी दुकानों से राशन मिलता है। कोरोना के दौरान सरकार की तरफ से बेघर, बेसहारा लोगों को मुफ्त राशन बांटा गया जिसके पीडि़़त आज भी सामने आ जाते हैं, जिनको राशन नहीं मिला। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रत्येक परिवार को एक किलो तुअर या चना दाल के साथ प्रतिसदस्य पांच किलो चावल दिया जा रहा है। लेकिन इसमें भी कोटा आधे से कम पहुंच रहा है। गैस पीडि़त संघर्ष मोर्चा के बालकृष्ण नामदेव बताते हैं कि गैस पीडि़त वार्डों की कई दुकानों पर राशन पहुंचा ही नहीं है। जुलाई का कोटा आने में देरी हो रही है। आधार फीड का जो काम किया जा रहा है, उसमें भी सर्वर की परेशानी के चलते आधार फीड करने में परेशानी हो रही है।
15 हजार सदस्यों के नाम सर्वर से हटे
राजधानी में पीओएस मशीनों में आधार अपडेशन में की गई अक्षरों की गड़बड़ी के बाद से 15 हजार सदस्यों के नाम सर्वर से हट गए हैं। अभी तक उनको अपडेट न करने से उनको राशन नहीं मिल रहा है। इस मामले में गैस पीडि़त बुजुर्ग महिलाएं ज्यादा हैं। जिनके यहां चूल्हा जलने तक की समस्या हो जाती है। इस मामले में जिला आपूर्ति अधिकारी ज्योतिशाह नरवरिया से सम्पर्क किया गया, लेकिन नहीं हो सका।