भोपाल। पूर्व विधायक कल्पना परुलेकर को दो साल की सश्रम कारावास की सजा और 12 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। 2011 में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पत्रकारवार्ता में पूर्व लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर का आरएसएस की वेशभूषा में कूटरचित फोटो लहराने को लेकर दर्ज मामले में अदालत ने यह सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार गोयल ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया है। हालांकि परुलेकर को जेल नहीं भेजा गया। फैसले के बाद उनकी ओर से हाईकोर्ट में अपील के लिए एक माह की मोहलत देने की अर्जी पेश की थी जिसे अदालत ने मान लिया है।
पहले भी जा चुकी हैं जेल
वर्ष 2011 में विधानसभा के सत्र के दौरान मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने परुलेकर पर छेड़छाड़ कर नावलेकर की फोटो बनाए जाने के आरोप लगाए थे। नरोत्तम ने अध्यक्ष को यह बताया था कि परुलेकर ने मीडिया को लोकायुक्त की एक फोटो उपलब्ध कराई, जिसमें नावलेकर को RSS के गणवेश में दिखाया गया था। नरोत्तम ने दावा किया था कि असल में यह फोटो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की थी, उसी में काट-छांट करते हुए नावलेकर का चेहरा फिट कर दिया गया था। इस मामले में भी परुलेकर को सजा हो चुकी है और वे जमानत पर बाहर हैं।
वर्ष 2011 में विधानसभा के सत्र के दौरान मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने परुलेकर पर छेड़छाड़ कर नावलेकर की फोटो बनाए जाने के आरोप लगाए थे। नरोत्तम ने अध्यक्ष को यह बताया था कि परुलेकर ने मीडिया को लोकायुक्त की एक फोटो उपलब्ध कराई, जिसमें नावलेकर को RSS के गणवेश में दिखाया गया था। नरोत्तम ने दावा किया था कि असल में यह फोटो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की थी, उसी में काट-छांट करते हुए नावलेकर का चेहरा फिट कर दिया गया था। इस मामले में भी परुलेकर को सजा हो चुकी है और वे जमानत पर बाहर हैं।
पांच माह पहले भी हुई सजा
इससे पहले अप्रैल 2017 में जिला अदालत ने पूर्व विधायक कल्पना परुलेकर को एक साल की जेल और दो हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। कल्पना ने तत्कालीन प्रमुख सचिव भगवानदेव इसरानी की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। इस मामले में तत्कालीन विधानसभा सचिव भगवान देव इसरानी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। तत्कालीन प्रमुख सचिव भगवानदेव इरसानी ने जिला कोर्ट में उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। जिला अदालत ने उन्हें इस मामले में दोषी पाते हुए एक साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर दो हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है।
इससे पहले अप्रैल 2017 में जिला अदालत ने पूर्व विधायक कल्पना परुलेकर को एक साल की जेल और दो हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। कल्पना ने तत्कालीन प्रमुख सचिव भगवानदेव इसरानी की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। इस मामले में तत्कालीन विधानसभा सचिव भगवान देव इसरानी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। तत्कालीन प्रमुख सचिव भगवानदेव इरसानी ने जिला कोर्ट में उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। जिला अदालत ने उन्हें इस मामले में दोषी पाते हुए एक साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर दो हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है।