प्रशिक्षण में आयोग के सुविधा पोर्टल पर ई-नॉमिनेशन से काउंटिंग तक समस्त प्रक्रिया का हेण्ड्स-ऑन कराया गया। इलेक्ट्रॉनिकली नॉमिनेशन भरने की अतिरिक्त सुविधा की जानकारी जिलों को देते हुए निर्देशित किया गया कि वे राजनीतिक दलों से इसे साझा करें। इसमें अभ्यर्थी अथवा उनके एजेंट अथवा दल द्वारा लॉगिन बनाकर पोर्टल पर नाम-निर्देशन एवं शपथ-पत्र भरकर उसका प्रिंट आउट निकालकर विधि अनुसार रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष निर्धारित समय-सीमा में जमा करना होगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ई-नॉमिनेशन से प्राप्त अथवा ऑफलाइन पद्धति से प्राप्त समस्त नाम निर्देशन-पत्रों की संवीक्षा तथा नाम वापसी की ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ पोस्टल बैलेट एवं ईव्हीएम वोट की मतगणना तक का प्रशिक्षण दिया गया। जिलों में समस्त मतदान कर्मियों के डाटाबेस की तैयारी एवं रेण्डमाइजेशन की प्रक्रिया की जानकारी भी दी गई।
वहीं, भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आगामी विधानसभा उप निर्वाचन में एम-2 मॉडल की ईव्हीएम के स्थान पर नवीनतम तकनीक से निर्मित एम-3 मॉडल की ईव्हीएम का उपयोग किया जायेगा। इस संबंध में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश धरणेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि एम-3 मशीनें एम-2 से बेहतर हैं। पहले एम-2 मशीनों के अंतर्गत कंट्रोल यूनिट के साथ 4 बैलेट यूनिट ही जोड़ सकते थे, लेकिन अब नई मशीनों में 24 बैलेट यूनिट को जोड़ा जा सकेगा। ये मशीनें नोटा सहित 384 अभ्यर्थियों तक के लिये सक्षम हैं।
पहले उपयोग होने वाली एम-2 मशीनों में बैटरी का प्रतिशत दिखाई नहीं देता था, लेकिन एम-3 मशीनों में यह दिखाई देगा। जिसके आधार पर पीठासीन अधिकारी बैटरी को बदल सकते हैं। नवीन एम-3 मशीनों में केन्डीडेट सेक्शन एवं बैटरी सेक्शन दोनों को पृथक-पृथक सील्ड किया जाता है। जिससे बैटरी लाइफ कम होने पर पीठासीन अधिकारी बैटरी सेक्शन को खोलकर उसे बदल सकते हैं। इन मशीनों का वजन कम होने के कारण इन्हें लाने-ले जाने में भी सुविधा होगी।