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केंद्रीय पूल से राज्य को मिली राशि (लाख में)
2015-16 | 2228.17 |
2016-17 | 1647.01 |
2017-18 | 178.05 |
2018-19 | 399.06 |
2019-20 | 530.77 |
2020-21 | 937.98 |
एनपीसीडीसीएस के तहत केंद्र से मदद
केंद्र सरकार राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं नियंत्रण कार्यक्रम यानी एनपीसीडीसीएस संचालित कर रही है। इसके तहत कैंसर की रोकथाम, जांच और इलाज के लिए उपयुक्त संस्थान में रेफर करना, जागरुकता लाना शामिल है। कुछ राज्यों में व्यापक कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इनमें मप्र भी शामिल है। 30 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की जांच का लक्ष्य है।
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दो पीढिय़ों तक खतरा
ज्यादा उत्पादन लेने के लिए फल-सब्जी उत्पादक पेस्टीसाइड का प्रयोग करते हैं। इन्हीं फल-सब्जी के सेवन से दो पीढिय़ां तक बीमारियों की चपेट में आ सकती हैं। किसान कीटों से फसलों की रक्षा के लिए डीडीटी, एल्ड्रिन, मैलाथियान और लिण्डेन जैसे कीटनाशकों का उपयोग कर रहे हैं। इसका मानव शरीर पर असर जानने जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि में हुए शोध से पता चला है कि कीटनाशक मनुष्य शरीर में कैंसर रोग को जन्म दे रहे हैं।
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प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से कोरोना के चलते कैंसर नियंत्रण के प्रयासों पर प्रभाव पड़ा है। सरकार कैंसर नियंत्रण के लिए बड़ी कार्ययोजना तैयार कर रही है। लोगों को जागरूक कर कैंसर के कारणों को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।