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भोपाल

एक मशीन से कैंसर सिकाई, सिटी स्कैन और एक्स-रे भी

जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल में आईजीआरटी हेल्सीऑन मशीन से डेढ़ मिनट में होगा उपचार

भोपालNov 22, 2019 / 12:13 pm

manish kushwah

एक मशीन से कैंसर सिकाई, सिटी स्कैन और एक्स-रे भी

एक मशीन से कैंसर सिकाई, सिटी स्कैन और एक्स-रे भी

भोपाल. जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल में गुरुवार को दो आधुनिक सुविधाएं शुरू हुईं। आईजीआरटी हेल्सीऑन मशीन, जिससे कैंसर की सिकाई डेढ़ मिनट में होगी। इस मशीन से एक्स-रे व सीटी स्कैन भी होगा। एडवांस ब्रेकीथैरेपी मशीन भी लगाई है। शुभारंभ कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट, चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ, जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा, गैस राहत एवं पुनर्वास मंत्री आरिफ अकील, विधायक आरिफ मसूद मौजूद थे।
महिलाओं को मिलेगी ब्रेकीथैरेपी की सुविधा
अस्पताल की सीईओ दिव्या पाराशर ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर पीडि़त महिलाओं को ब्रेकीथैरेपी मशीन से दस मिनट में इंटरनल रेडिएशन दिया जा सकेगा। दूसरी मशीनों से शरीर के अंदरूनी हिस्सों के कैंसर की सिकाई में 24 घंटे तक का वक्त लगता है। भोपाल में कैंसर के मरीजों के लिए इन दोनों मशीनों के शुरू होने से बड़ी राहत मिल सकेगी।
साइड इफेक्ट भी कम
सिकाई से पहले मरीजों का एक्स-रे और सीटी स्कैन के लिए अलग-अलग जगह जाना पड़ता है। उन्हें दो बार रेडिएशन का सामना करना पड़ता है। दोनों रिपोर्ट के बाद कोबाल्ट, लीनियर जैसी मशीनों से सिकाई की जाती है। आईजीआरटी हेल्सीऑन मशीन से एक्स-रे,सीटी स्कैन भी होगा और डेढ़ मिनट में सिकाई हो जाएगी। इसमें मरीज के शरीर के उसी हिस्से में सिकाई की जाएगी, जहां कैंसर की समस्या है। इसमें रेडिएशन के साइड इफेक्ट भी न के बराबर हैं।
1 लाख पर 11 मरीज
कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के मुताबिक राजधानी में तीन साल में पुरुष कैंसर मरीजों की संख्या में सात तो महिला मरीजों की संख्या में पांच फीसदी की वृद्वि हुई है। वर्ष 2012-13 में कैंसर के 3464 मरीज थे, जिनकी संख्या अब 4500 के करीब है। कैंसर पीडि़तों में 73 फीसदी युवा हैं, जिनकी उम्र 30 से 45 वर्ष के बीच है। इन युवा मरीजों में सबसे ज्यादा ओरल कैंसर के हैं। कैंसर रजिस्ट्री सर्वे के अनुसार भोपाल में प्रति एक लाख की आबादी पर 11 कैंसर मरीज हैं।
दो दिसंबर से ‘संजीवनी’ की सौगात
भोपाल. दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक की सफलता को देखते हुए अब मप्र सरकार इसी तर्ज पर संजीवनी क्लीनिक शुरू करने जा रही है। प्रदेश का पहला संजीवनी क्लीनिक राजधानी के वार्ड 46 स्थित प्रियदर्शिनी नगर में तैयार कर लिया गया है। इसका शुभारंभ दो दिसंबर को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट, जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा और नगरीय प्रशासन मंत्री जयवद्र्धन सिंह करेंगे। सीएमएचओ डॉ. सुधीर डहेरिया ने बताया कि क्लीनिक में डॉक्टर, फार्मासिस्ट व नर्सिंग स्टाफ नियुक्त रहेगा। रोजाना सुबह आठ से शाम आठ बजे तक ओपीडी होगी। इस दरमियान मरीजों को जांच, इलाज और जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी। क्लीनिक में लैब टेक्नीशियन व फार्मासिस्ट की भर्ती की जाएगी। आशा कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाई जा रही है। आशा कार्यकर्ता मरीजों को अस्पताल तक लाने का काम करेंगी। मालूम हो कि प्रदेश के 89 ब्लॉक में संजीवनी क्लीनिक शुरू किए जाएंगे।
नि:शुल्क इलाज
क्लीनिक में मरीजों का इलाज नि:शुल्क होगा। जांचें निजी लैब से कराई जाएंगी। इसके लिए एनएचएम ने निजी लैब से अनुबंध किया है। क्लीनिक में मर्ज जांचने वाले डॉक्टरों को वेतन की जगह प्रति मरीज 40 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यहां मेडिकल ऑफि सरों की भर्ती की जाएगी। इनके लिए न्यूनतम योग्यता एमबीबीएस की डिग्री रखी गई है।

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