इसके अलावा शेक आदि में अधिक मुनाफा कमाने के लिए शेक में अरारोट, सोया मिल्क, नान फूड कलर के साथ ही दूध के बदले यूरियायुक्त दूध का प्रयोग भी किया जा रहा है जो कि स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। जनवरी में ही खाद्य विभाग ने 10 सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजे हैं पर अब तक जांच रिपोर्ट नहीं आई है।
आम बाजार में अभी आए नहीं और इसका जूस पांच से दस रुपए में शहरभर में बिक रहा है। गन्ने का रस भी पांच से दस रुपए में मिठास के साथ बिक रहा है। इसकी हकीकत जानी तो पता लगा मिठास में मिलावट का खेल हो रहा है। केमिकल और सेक्रीन मिला इनका स्वाद और रंग बदलकर लोगों के सामने परोसा जा रहा है।
शहर में आम का जूस, गन्ने का रस सहित इस तरह के पेय पदार्थों की शहर में लगभग एक हजार से अधिक दुकानें शुरू हो गई हैं। इनमें किस गुणवत्ता का सामान बिक रहा इसकी जांच के लिए प्रशासन बेपरवाह है। अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि अधिकांश दुकानों में सेहत से खिलवाड़ कर स्वाद के लिए मिलावट हो रही है।
फैक्ट फाइल
– मैंगो-पाइनेपल जूस की दुकानें – 150
– शिकंजी-जलजीरे के ठेले – 500
– गन्ना जूस की चरखियां – 250
– फ्लेवर्ड सोडा वाटर के ठेले- 75
– बर्फ के गोले के ठेले – 100
– मटका कुल्फी वाले – 160
– 100 ग्राम सेकरीन से 6 किलो चीनी की मिठास, कीमत 35 से 40 रुपए
– आम, पाइनेपल, नीबू आदि रस 500 लीटर जूस
– एसेंस- 10 से 20 मिली लीटर- 20 से 30 रुपए
– साइट्रिक एसिड- 10 रुपए में
– अरारोट करीब एक से डेढ़ किलो- 30 रुपए का
– औसतन सौ से डेढ़ सौ रुपए की लागत में 50 लीटर जूस
गन्ने वाले भी करते खेल
कोलार रोड पर गन्ने की चरखी चलाने वाला के यहां टीम गई तो वहां भी मिलावट का खेल जारी था। गन्ने में नीबू के साथ एक नमक डालने जैसी डिब्बी में सैक्रीन पाउडर नीचे रखा हुआ था। दो बार गन्ने को चरखी में घुमाने के बाद नीबू लगाने के बहाने गन्ने के बीच में सेक्रीन का पाउडर छिड़कने के बाद उसका रस मिला रहा था।
अखाद्य रंगों व प्रिजर्वेटिव से डायरिया, डिसेंट्री, वोमिटिंग, गेस्ट्रोइंटाइटिस, लिवर डिसीज, किडनी, कैंसर होने का खतरा रहता है। सैक्रीन में मिठास के साथ कडुवाहट महसूस होना एवं गले का सूखना मुख्य लक्षण है। 5-10 रुपए में मिलने वाले सस्ते रंगों से बचें और नेचुरल फल या जूस का सेवन करें।
– डॉ. सुधीर पांडेय, आरएमओ, जिला आयुर्वेदिक हॉस्पिटल
सैक्रीन, केमिकल कलर और प्रिजर्वेटिव्स से बने फ्लेवर्ड पेय पदार्थ बेचने वाली दुकानों की जांच के निर्देश दिए जा रहे हैं। मिलावटी आम, नीबू रस, पाइनेपल, गन्ने का रस बेचने वालों की भी चेकिंग की जाएगी।
– ब्रजेश सक्सेना, ज्वाइंट कंट्रोलर, एफडीए