सीबीआई शकील कुरेशी को गिरफ्तार कर एंबुलेंस में लेकर कोर्ट परिसर पहुंची। अदालत में शकील कुरेशी की गंभीर हालत के चलते जमानत पर रिहा करने की मांग की गई। अदालत ने सुनवाई के बाद कुरेशी की 1-1 लाख रूपये की 2 सक्षम जमानत और 10 हजार रूपये जुर्माने पर रिहा करने के आदेश दिए।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार वर्मा की अदालत में सीबीआई के एसआई एमके पाण्डेय ने बताया कि शकील कुरैशी चलने फिरने की स्थिति में नहीं है। कोर्ट परिसर की पार्किंग में खड़ी एंबुलेंस में हैं। शकील कुरैशी की हालत जानने जज वर्मा खुद पार्किंग में खड़ी एंबुलेंस में शकील कुरैशी की हालत देखने पहुंचे।
शकील कुरेशी एंबुलेन्स में बदहवास हालत में था। और कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं था। शकील की हालत देखकर कोर्ट ने शकील को हिरासत में लेकर जेल भेजने के निर्देश दिए। कोर्ट में शकील कुरेशी की ओर से वकील मेहबूब अंसारी ने जमानत अर्जी पेश की। अंसारी ने अदालत में बताया कि 5 साल पहले शकील कुरेशी को बे्रन हेंबे्रज हुआ था, इसके बाद से कुरेशी के शरीर का आधे हिस्से मेें लकवा मार गया है।
कुरेशी तब से किसी को पहचान नहीं सकता एवं बेड रेस्ट पर है। खुद से हाथ-पैर नहीं हिला सकने के कारण बेड पर लेटे-लेटे उसके शरीर में बेड सोर हो गए हैं। इसके चलते मामले में अधिवक्ता से संपर्क नही कर सका। मानवीय आधार पर उसे जमानत पर रिहा किया जाए। दलीलों के बाद कोर्ट ने शकील कुरेशी को 1-1 लाख रूपये की दो सक्षम जमानत- 10 हजार जुर्माना जमा करने पर रिहा करने के आदेश दिए।
शकील कुरेशी की ओर से हवा महल निवासी याकूब सिद्दीकी और कोलार रोड निवासी जीवन सिंह मीणा ने 1-1 लाख की जमानत पेश की। 4 साल से फरार था शकील गैस कांड मामले में 7 जून 2010 को तत्कालीन सीजेएम मोहन प्रकाश तिवारी ने यूका के तत्कालीन अधिकारियों के साथ-साथ शकील कुरेशी को 2 साल के कारावास- जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ कुरेशी ने सत्र न्यायालय में अपील की थी। अदालत ने 19 फरवरी 2016 को शकील कुरेशी का गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।