scriptलाइफस्टाइल में बदलाव बढ़ाता है ब्लाइंडनेस का खतरा, ऐसे करें अपनी आंखों की रक्षा | change in lifestyle Increases blindness cases | Patrika News
भोपाल

लाइफस्टाइल में बदलाव बढ़ाता है ब्लाइंडनेस का खतरा, ऐसे करें अपनी आंखों की रक्षा

आपकी लाइफस्टाइल बिगड़ी तो हो सकता है ब्लाइंडनेस का खतरा…

भोपालApr 07, 2018 / 03:54 pm

दीपेश तिवारी

eye care
भोपाल। पूरी दुनिया में वर्ष 2017 में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक 39 मिलियन लोग दृष्टिहीनता से ग्रसित थे और अकेले भारत में 12 मिलियन लोग दृष्टिहीनता से पीडि़त थे। इस मुद्दे का एक गंभीर पहलू यह भी है कि विशेषज्ञ मानते हैं कि इनमें से 75 प्रतिशत मामले ऐसे होते हैं, जिनमें आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है।
इसी को देखते हुए भारत में दृष्टिहीनता के खिलाफ जागरूकता अभियान के तहत ब्लाइंडनेस प्रिवेंशन वीक (1 अप्रैल से 7 अप्रैल) मनाया जा रहा है। राजधानी भोपाल के नामी आई स्पेशलिस्ट डॉ. एमके अजवानी बताते हैं कि मोतियाबिंद की बीमारी की वजह से सबसे अधिक लोग अपनी आंखों की रोशनी गंवा बैठते हैं और इसके पीछे सबसे बड़ी वजह हमारी लाइफस्टाइल है।
आंकड़ों की मानें तो अंधेपन के मामलों में 51 प्रतिशत की वजह मोतियाबिंद होती है। अगर समय रहते जांच के माध्यम से इन बीमारियों का पता चल जाए तो दृष्टिहीनता से बचा जा सकता है।
ऑन टाइम होना चाहिए ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर
डॉ. अजवानी बताते हैं कि सतर्कता और जीवनशैली में छोटे-छोटे सुधार करके अपनी आंखों के स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं।

डायबिटीज, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा आदि रोगों से पीडि़त लोगों को शुरूआती स्तर से ही नियमित रूप से जांच और इलाज कराते रहना चाहिए। वहीं विटामिन्स की कमी के संबंध में संतुलित आहार के साथ-साथ ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर समय पर करना चाहिए।
डायबिटिक पेशेंट्स बचकर रहें…
डॉ. अजवानी बताते हैं कि इस तरह के कई मामले सामने आते रहते हैं, जिनमें लोगों ने लापरवाही बरतते हुए छोटी-छोटी दिक्कतों और बीमारियों को गंभीरता से नहीं लिया और आंखों की रोशनी गंवा बैठे। मोतियाबिंद के बाद अंधेपन की दूसरी सबसे बड़ी वजह है ग्लूकोमा।
साथ ही, शरीर में विटामिन इत्यादि की कमी की वजह से भी अंधेपन का खतरा होता है। डायबिटीज के रोगियों को भी अंधेपन का बड़ा खतरा होता है इनके अलावा रेटिना से संबंधित मैक्युलर डीजेनरेशन और किसी तरह का आघात लगने के मामलों में भी अंधेपन का खतरा होता है।
नुकीले वस्तुओं या हानिकारक रसायनों के बीच काम करने वाले लोगों और प्रीमैच्योर बेबी में भी इसकी आशंका बनी रहती है।

ये हैं कई अन्य उपाय: वहीं आयुर्वेद के डॉक्टर राजकुमार का कहना है कि आंखों के प्रति हमें हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए। यदि हम एक नियमित दिनचर्या रखते हैं तो हमें आंखों से संबंधित न के बराबर समस्याएं होती हैं। उनके अनुसार आंखों को लेकर कई तरीके हैं, जिनकी मदद से आंखों को स्वस्थ रखा जा सकता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के उपाय –
-आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए अच्छी नींद लें।
-आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए व्यायाम करना चाहिए।
-आंवला भी हमारी आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है।
-आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय में वाइल्ड…
-आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए सौंफ का उपयोग करें।
-आंखों की रोशनी बढ़ाने में बादाम का उपयोग करें।
-आंखों की रौशनी बढ़ाने में बिलबेरी भी उपयोगी है।
-आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए…
-आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए आंवला खाएं।
-ब्लूबेरी भी आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करती हैं।
-आंखों की रोशनी तेज करने के लिए नट्स खाएं ।
-आंखों की रोशनी तेज करने के लिए हरी सब्ज़ियां खाएं।
-शकरकंद भी आंख के लिए उपायोगी है।
ये भी हैं टिप्स…
1. बेहतर आंखों के लिए विटामिन ए और विटामिन के से भरपूर भोजन लेना चाहिए। आंखों की दृष्टि को सही बनाये रखने के लिए रोजाना विटामिन और मिनरल्स की भरपाई के लिए फल और सब्जियों का सेवन करें।
2. कंप्यूटर पर कुछ पढ़ते हुए या काम करते हुए थोड़ा विराम लें। 5 मिनट का छोटा ब्रेक लेने से आंख की मांसपेशियों को आराम मिलेगा। आखों में पानी छिड़कें और 5 मिनट के लिए इन्हे बंद कर लें फिर काम करें।
3. अपनी आंख के गोलों को गोलाकार रूप में 5 मिनट तक घुमाना और बार बार आंखें झपकाना जैसी एक्सरसाइज करें। सुबह के समय अपने हाथों को रगड़ें और इन गर्म हाथों को आँखों पर रखें।
इन एक्सरसाइजेज से आँखों को पुनः नमी की प्राप्ति होगी और आंखें स्वस्थ रहेंगी।

4. आंखों के आगे से काले घेरे और आँखों का सूजापन दूर रखने के लिए 8 घंटे की नींद लें। नींद की कमी से ना केवल आंखें लाल होती हैं बल्कि चेहरे का लुक भी बिगड़ जाता है। भरपूर नींद से चेहरा और आँखें दोनों फ्रेश रहते हैं।
5. आंखों को अधिक नमी प्रदान करने के लिए ठंडी ककड़ी के टुकड़े आंखों पर रखें। ककड़ी आँखों के काले घेरों को हटाने में और रक्त की भांति लाल आँखों को सुन्दर और स्वस्थ बनाने में लाभकारी है।
6. आंखों को स्वस्थ रखने के लिए इन्हे मॉइस्चर प्रदान करना बहुत जरुरी है। यदि आपके पास ककड़ी नहीं है तो मॉइस्चराइजिंग ड्रॉप खरीद लें और इसे रोजाना आँखों में डालें।

7. आँखों को सुबह या कुछ गिर कर रड़कने पर इन्हे रगड़ें नहीं। यदि आंखों में कुछ गिर जाता है तो आँखों में पानी छिड़ककर साफ़ कर लें बजाय कि इन्हें रगड़ने के। रगड़ने से आंखों में कोई भी हानि हो सकती है।
8. जब घर से बाहर धुप में निकलें तो चश्मा पहन लें इससे काले घेरे नहीं पड़ेंगे और आंखें कमजोर नहीं होंगी। बेहतर आंखों के लिए एक मुख्य सावधानी है जो आप बरत सकते हैं।

Hindi News / Bhopal / लाइफस्टाइल में बदलाव बढ़ाता है ब्लाइंडनेस का खतरा, ऐसे करें अपनी आंखों की रक्षा

ट्रेंडिंग वीडियो