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भोपाल

चरनोई और पड़त भूमि गौ-शालाओं को होंगी ट्रांसफर

कलेक्टरों को निर्देश, चारागाह के लिए उपलब्ध कराएं भूमि

भोपालJul 30, 2021 / 01:30 am

Rohit verma

चरनोई और पड़त भूमि गौ-शालाओं को होंगी ट्रांसफर

चरनोई और पड़त भूमि गौ-शालाओं को होंगी ट्रांसफर

भोपाल. प्रदेश की गौ-शालाओं में चारागाह और पानी की व्यवस्था पंचायतें और निकाय करेंगी। गांव और शहर के आस-पास की चरनोई और पड़त भूमि राजस्व विभाग गौशालाओं के लिए आवंटित करेगा। गौशालाओं को चारागाह के लिए सभी कलेक्टरों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। प्रदेश में करीब एक हजार गौशालाएं हैं, जिसमें सबसे ज्यादा गौशालाएं ग्राम पंचायतों में हैं। ग्राम पंचायतों में करीब 700 गौशालाएं हैं। कांग्रेस सरकार के समय में सबसे ज्यादा गौशालाएं बनाई गई हैंं।
वर्ष 2019 तक 6 सौ हजार गौशालाएं पूरी तरह से बनकर तैयार हो गई थीं, लेकिन दो सौ के करीब गौशालाओं का संचालन नहीं हो पाया था। हालांकि कांग्रेस सरकार ने पहले चरण में विभिन्न विभागों को एक हजार गौशालाएं बनाने के लिए कहा था, जबकि तीन साल के अंदर तीन हजार गौशालाएं बनाने का लक्ष्य रखा गया था। बताया जाता है कि पंचायतों में करीब तीन सौ गौशालाएं पहले से ही बनी हुई थीं और चार सौ गौशालाएं बाद में संचालित की गई थी। इन गौशालाओं का संचालन समितियों के जरिए किया जा रहा है।
एक हजार गौशालाएं बनकर तैयार
प्रदेश में करीब एक हजार गौशालाएं पंचायत और पशुपालन विभाग ने बना लिया था। इनमें से अधिकांश का संचालन पिछले दो साल से नहीं हो पाया है। कुछ गौशालाओं का उपयोग पंचायत और निकाय कांजी हाउस के रूप में कर रही हैं। इन गौशालाओं के संचालन के संबंध में विभाग ने अभी तक कोई ऐसा निर्णय नहीं लिया है कि गौशालााओं का संचालन समितियां करेंगी अथावा इनका उपयोग कांजी हाउस अथवा बेसहारा गायों के लिए किया जाएगा।
दो हजार गौशालाओं का भी निर्माण रुका
पूर्व कांग्रेस सरकार ने तीन हजार गौशालाएं बनाने का निर्णय लिया था, लेकिन सरकार जाने के बाद विभागों ने इस काम को रोक दिया गया है। हालांकि इन दो साल में कोरोना संक्रमण के चलते सभी तरह के निर्माण कार्यों को रोक दिया गया था, ऐसे में इनका भी निर्माण नहीं हो पाया। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद पीएम आवास, सड़कों के निर्माण सहित अन्य कार्य शुरू हो गए हैं, लेकिन गौशालाओं के संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
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