यह मामला फूड एंड ड्रग की सैंपलिंग रिपोर्ट से सामने आया। दरअसल पत्रिका ने पूरी तरह आयुर्वेदिक होने का दावा करने वाली मेंहदी की सच्चाइ पता करने के लिए कुछ सैंपलों की जांच कराई थी। जांच में पाया गया कि इन हर्बल बताकर बेचे जा रही मेंहदी में खतरनाक रसायन मौजूद हैं।ढ़ा लाल होता है। चिकित्सकों का कहना है कि केमिकल मेहंदी से महिलाओं में कई तरह की परेशानियां सामने आ सकती हैं। इसी वजह से महिलाओं को मेंहदी लगवाने से पहले कुछ सावधानी बरतने की जरूरत है।
पांच मिनट में मेहंदी रचाने के दावे में न आएं
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग तिवारी के मुताबिक मेहंदी रचाने वाले और मेहंदी बेचने वाले अक्सर दावा करते हैं की आपके हाथों में मेहंदी पांच मिनट में रच जाएगी। इन दावों के झांसे में न आएं क्योंकि ऐसा दावा केमिकल मेहंदी के बल पर ही किया जाता है। इससे हाथों में गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं।
सोडियम पिक्रमेट- यह घातक रसायन ज्वलनशील पदार्थों में मिलाया जाता है। यह शरीर के प्रोटीन में मिलकर रंग को गाढ़ा बनाता है। मेंहदी में सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह मेंहदी के तेल के नाम से भी जाना जाता है।
पीपीडी- इसका उपयोग बालों को रंगने वाली डाई में किया जाता है लेकिन अब कुछ लोग हाथों में लगने वाली मेंहदी में भी इसे मिलाने लगे हैं।
त्वचा में जलन, सूजन, खुजली और खरोंच के निशान बनने का खतरा होता है। इस तरह के लक्ष्ण अगर आपको दिखने लगे तो तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करें। देर करने पर एलर्जी पूरे शरीर में फैल सकती है।
अगर कोई आपसे कहे है कि पांच मिनट में आपके हाथों में मेंहदी का रंग रचा सकता है तो समझ जाएं उसमें उतना ज्यादा ही कैमिकल मिलाया गया है। असली मेंहदी को हाथों में लगाने से पहले दो से तीन घंटे पहले भिगो के रखना पड़ता है। इसके बाद हाथों में लगने के बाद भी काफी देर तक हाथों में लगाना होना है इसके बाद ही उसका रंग आता है।