जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश करीब 97 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों में सरकार द्वारा पोषण कार्नर की शुरूआत की जा रही है, इस योजना के तहत सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए लड्डू, मठरी, नमकीन, मुरमुरे, बिस्किट, भुने हुए चने और गुड़ रखा जाएगा, ये चीजें बच्चों को इसलिए खिलाई जाएंगी, ताकि बच्चों की शारीरिक और मानसिक कमजोरी को दूर कर बच्चों को हेल्दी बनाएंगे, इसलिए इन्हें ऐसे डिब्बों में रखा जाएगा, जिससे की बच्चे आसानी से इन्हें लेकर खा सकेंं।
एमपी के 10 लाख कुपोषित बच्चों को मिलेगा पोषण
सरकार द्वारा शुरू की जा रही इस योजना से प्रदेश के 10 लाख 32 हजार से अधिक कुपोषित बच्चों को लाभ मिलेगा, इन बच्चों का कुपोषण दूर होगा, आपको बतादें कि सरकार ने करीब छह साल पहले भी इस प्रकार का प्रयास मध्यप्रदेश के सागर जिले से शुरू किया था, लेकिन सफलता नहीं मिल पाने के कारण अब फिर इसे सभी जिलों से शुरू किया जाएगा। आंगनवाड़ी केंद्रों में ये डिब्बे करीब तीन से चार फीट ऊंचाई वाली जगह पर रखे जाएंगे, ताकि बच्चे आसानी से ले सकें।
ज्यादा पुरानी सामग्रियों का नहीं होगा उपयोग
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी निर्देशित किया जाएगा कि वे बच्चों को दी जाने वाली इन सामग्रियों पर नजर रखें, किसी भी हालत में ये सामग्रियां 15 दिन से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए, चूंकि ये सामग्रियां बच्चे खुद उठाकर खा सकते हैं, ऐसी जगह पर रखी जाएगी, इसलिए इनमें शुद्धता का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसी के साथ इन सामग्रियों को तैयार करने में गेहूं, चना, चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का, कोदो कुटकी का उपयोग किया जाएगा।
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बच्चों में हीमोग्लोबिन की पूर्ति
बच्चों में हीमोग्लोबिन की मात्रा की पूर्ति हो, इसलिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इन सभी सामग्रियों का निर्माण लोहे की कढ़ाई में करने के निर्देश दिए हैं। वहीं पोषण कार्नर में रखी जाने वाली सामग्री का इंतजाम जन सहयोग से किया जाएगा। इस संबंध में कलेक्टरों से कहा है कि वे स्थानीय स्तर पर अभियान चलाकर आमजन को पोषण मटका कार्यक्रम में अनाज देने के लिए प्रेरित करें।