मार्केट एरिया में तो स्थिति और बदतर है। भविष्य में इस समस्या से निपटने के लिए मास्टर प्लान में प्रावधान किए जा रहे हैं। वर्ष २००५ से चले आ रहे मसौदे में संशोधन के साथ शहर के भीतर और बाहरी सर्किल में पार्र्किंग के लिए जमीनें आरक्षित की जा रही हैं।
प्लानिंग एरिया में इन इलाकों में ये नजूल जमीनें भविष्य में केवल पार्किंग के लिए इस्तेमाल की जा सकेंगी। निर्माण एजेंसियां लैंड यूज बदलकर इनका इस्तेमाल किसी अन्य प्रोजेक्ट के लिए नहीं कर सकेंगी।
एेसी है शहर में पार्किंग की स्थिति शहर में केवल ५२ मैनुअल, ८ बूम बैरियर और २ मल्टीलेवल पार्किंग तैयार किए गए हैं। २ लाख ९० हजार पर्सनल कार के अलावा शहर में ३ लाख अन्य प्रकार के चार पहिया वाहन भी रजिस्टर्ड हैं। जाहिर है कुल ५.९० लाख वाहनों को पार्क करने के हिसाब से शहर के बाजारों में मुठ्ठी भर पार्किंग हैं। नतीजतन सड़कों पर वाहनों को खड़ा करने का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है जिससे दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है।
लोग कम लेकिन कार ज्यादा यहां चौंकाने वाली बात ये है कि शहर में २.९३ लाख आबादी गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करती है। मतलब साफ है कि लाखों की आबादी में सिर्फ सैंकड़ों की संख्या में लोगों के पास दो या दो से अधिक चार पहिया वाहन हैं जो पार्किंग के लिए जगह तलाश रहे हैं। पुराने शहर में तो स्थिति और भयावह हो गई है। यहां सड़कों पर पार्क होने वाले वाहन सेंट्रल वर्ज का काम करते हैं।
फैक्ट फाइल शहर में कुल हाउसहोल्ड- ३ लाख ७१ हजार ७२२ गरीबी रेखा से नीचे परिवार- २ लाख ९३ हजार
शहर में कुल प्राइवेट कार- २ लाख ९० हजार शहर में कुल अन्य चार पहिया- ३ लाख
शहर में कुल प्राइवेट कार- २ लाख ९० हजार शहर में कुल अन्य चार पहिया- ३ लाख
पार्र्किंग एरिया- ५२ मैन्यूअल, ८ बूम बैरियर और २ मल्टीलेवल कॉमन ओपन स्पेस पार्र्किंग- ८० प्रतिशत
शहर में कुल लो फ्लोर बस- २२५ संचालित बसें- २०० शहर की कुल आबादी- २० लाख
शहर में कुल लो फ्लोर बस- २२५ संचालित बसें- २०० शहर की कुल आबादी- २० लाख
मास्टर प्लान में शहर की रिक्त भूमि पर उपयोगिता के हिसाब से प्रयोजन तय किए जा रहे हैं, इनमें पार्र्किंग भी शामिल है। – एसके मुद्गल, संयुक्त संचालक, टीएनसीपी