प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्ग एक उच्च माध्यमिक चयन परीक्षा 2023 आयोजित की गई थी। इसमें चुने गए महज 5 हजार अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति दी जा रही है जबकि स्कूल शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार ही प्रदेश में 35 हजार शिक्षकों की जरूरत है। इस तरह वेटिंग अभ्यर्थी को नियुक्ति देकर खाली पड़े करीब 30 हजार पदों को भरा जा सकता है।
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा डेढ साल पहले जारी परिपत्र में भी प्रदेश में
करीब 35 हजार शिक्षकों के पद स्वीकृत बताए गए थे। शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए ही शिक्षक भर्ती परीक्षा 2023 ली गई थी लेकिन इसमें चुने गए अभ्यर्थियों को नियुक्तियां नहीं दी जा रही है।
प्रदेश में 5 साल बाद शिक्षक भर्ती के लिए परीक्षा ली गई लेकिन इसमें चुन लिए जाने के बाद भी अधिकांश युवा निराश हैं। दरअसल इसमें महज 5 हजार पदों पर सीधी भर्ती की जा रही है और अन्य उम्मीदवारों को वेटिंग में डाल दिया गया है। ऐसे उम्मीदवार अब विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं। मंगलवार को प्रदेशभर से आए अभ्यर्थी बीजेपी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए हैं।