दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री से मिलने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ( cm shivraj singh chauhan ) ने शुक्रवार शाम को ट्वीट के जरिए कहा कि पीएम स्वनिधि योजना समेत अन्य केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अग्रणी है। कुछ दिक्कतों के कारण बैंक ऋण के प्रकरण निरस्त कर देते हैं, इसको लेकर मैंने चर्चा की है।
चौहान ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना में बैंक स्ट्रीट वेंडर्स को लोन देने के लिए ‘CIBIL रेटिंग’ मांगते हैं, जो वे लोग नहीं दे पाते हैं। वित्तमंत्री जी ने इस समस्या का शीघ्र ही निवारण करने का आश्वासन दिया है। हमने ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण देने की योजना भी बनाई है, इसके लिए भी सहयोग किया जाएगा।
राज्यों को करना होगा चार सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत राज्य यदि 4 सुधार करेंगे, तो उन्हें अतिरिक्त बॉरोइंग लिमिट मिलेगी। अभी GDP का 3% ऋण राज्य ले सकते हैं, प्रति सुधार पर .25% का अतिरिक्त लोन बॉरो करने का अधिकार मिलेगा। हमने 3 सुधार कर लिए हैं जिससे हमें .75% लोन बॉरो करने की अनुमति मिल गई है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के ऐसे कार्य जो 31 मार्च 2021 तक पूरे किए जा सकते हैं, परफोर्मेंस के आधार पर उनके लिए भारत सरकार ने राशि तय की थी, उसमें मध्यप्रदेश को रु. 660 करोड़ स्वीकृत हुए थे। रु. 330 करोड़ रिलीज़ किए जा चुके हैं, शेष राशि भी जल्द ही मध्यप्रदेश को मिलेगी।
660 करोड़ की राशि मिलेगी
चौहान ने कहा कि हमने सरकार से 1,600 करोड़ रुपए की मांग की थी, जिसमें से रु.660 करोड़ स्वीकृत हुए। मैंने वित्तमंत्री श्रीमती सीतारमन से शेष राशि भी जारी करने की मांग की। चौहान ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने 660 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि देने का निर्णय लिया है, जिसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूँ।
सीएम ने बताया कि जिन राज्यों का फाइनेंशियल मैनेजमेंट ठीक है, उनको 1% का अतिरिक्त ऋण बॉरो करने की अनुमति देने का आग्रह मैंने वित्तमंत्री जी से किया है। इससे संकट के समय न तो विकास के काम रुकेंगे और न ही जनकल्याण की योजनाओं का लाभ गरीब नागरिकों को देने में दिक्कत होगी।