(चंद्र प्रकाश भारती की रिपोर्ट)
भोपाल। क्या आपने सुना है कोई बैल जेल जा सकता है। क्या आप मान सकते हैं कि कोई बैल अपराध भी कर सकता है। कोई बैल अपनी किसी खास चीज पर दावा भी कर सकता है। ऐसा ही भोपाल में हुआ है, यहां एक बैल, 7 बार जेल होकर आया है।
भोपाल में एक अनोखा मामला सामने आया है। एक बैल ने अपने जन्म स्थान पर दावा ठोक दिया है। इसकी शिकायत नगर निगम से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक पहुंच गई। इस विवाद के चलते बैल को सात बार कांजी हाउस में रखना पड़ा, लेकिन मामले में अब तक कोई हल नहीं निकला। लेकिन यह अनोखा मामला अधिकारियों के लिए परेशानी का कारण बन गया। इधर, बैल के मालिक का कहना है कि करोड़ों रुपए भी देंगे तो इस बैल को मैं अपने से दूर नहीं होने दूंगा।
प्रतिष्ठा की लड़ाई बना बैल
शीतलदास की बगिया मंदिर प्रांगण में यह बैल मंदिर पुजारी और बैल मालिक के बीच प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। मंदिर में होने वाले आयोजन में परेशानी के चलते पुजारी ने इसकी पुलिस में शिकायत की थी। वहीं नगर निगम को भी अवगत कराया। पुलिस ने बैल बांधने वालों को चेतावनी देकर बैल हटाने का कह दिया।
बैल को आजाद कराकर वहीं बांधा
नगर निगम भी इसे कांजी हाउस ले जा चुकी है। लेकिन बांधने वाले इसे छुड़ाकर वहीं बांध देता है। उसका कहना है कि उसका जन्म वहीं हुआ है इस कारण वह वहीं रहेगा। उस जगह पर बैल का अधिकार होना चाहिए। मंदिर के पुजारी का कहना है कि प्रशासन ने सभी मवेशी शहर के बाहर करने के आदेश दे रखे हैं। एक बैल को कैसे बांधे रहने दें। यहां सामाजिक आयोजन में इसके खुले रहने से कई बार भगदड़ मच चुकी है।
CM हेल्पलाइन में भी शिकायत
बैल की शिकायत श्यामला हिल्स पुलिस थाने में की जा चुकी है। सीएम हेल्पलाइन में भी दो बार शिकायत हो चुकी है। वहीं नगर निगम इसे सात बार कांजी हाउस भेज चुका है। पुजारी ने इस मामले की जांच के लिए एडीएम को भी शिकायत की है।
पहले थी गोशाला
यहां पहले गोशाला थी। बैल मालिक भारती ओम प्रकाश सोनी का कहना है कि गाय यहां दस साल पहले गौशाला में बंधी थी, सात साल पहले वहीं इस बछड़े को उसने जन्म दिया और वह मर गई। गोशाला बंद हो चुकी है। बैल का जन्म यहीं हुआ है। उसके बंधे रहने से किसी को क्या आपत्ति है। बैल तो वहीं बंधेगा। शीतलदास बगियां के पुजारी पंडित किरण कुमार शर्मा ने बताया कि यहां कोई गौशाला नहीं है।
बैल के कारण मची थी भगदड़
मंदिर के पुजारी पं. किरण कुमार शर्मा कहते हैं कि अकेला बैल सिर्फ जिद के चलते यहां बांधा जा रहा है। बांधने वाले उसे दूसरी गौशाला में भी नहीं भेजने दे रहे हैं। धार्मिक आयोजन के दौरान बैल के बेकाबू होने से कई भगदड़ मच चुकी है।
वो जन्म स्तान पर ही रहेगा
बैल मालिक भारती ओमप्रकाश सोनी बताते हैं कि बैल का जन्म यहीं हुआ है। धार्मिक स्थान पर उसके बंधे रहने से किसी को क्या आपत्ति है। पंडित ने गोशाला बंद कर दी है। दूसरे लोग जब किराए से रह सकते हैं तो बैल वहां क्यों नहीं रहेगा।