इसके साथ ही जेपी अस्पताल को सूचना देकर एक एंबुलेंस को एयरपोर्ट के लिए रवाना किया। उधर, एयरपोर्ट की स्क्रीनिंग टीम ने विदेश से आने वाले यात्रियों की जांच कर उस संदिग्ध मरीज को भीड़ से अलग किया। जरूरी जांच के बाद उसे एंबुलेंस से जेपी अस्पताल रवाना कर दिया।
जेपी अस्पताल में संदिग्ध मरीज को आइसोलेशन वार्ड में रखकर पूछताझ कर सामान्य जांच की गई। करीब एक घंटे चली इस प्रक्रिया के बाद जेपी अस्पताल के डॉक्टरों को कोरोना के कोई लक्षण नजर नहीं आए तो यात्री की छुट्टी कर दी गई।
दरअसल, यह हकीकत नहीं कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपनी तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल था। मॉकड्रिल के बाद सीएमएचओ तैयारियों से संतुष्ट नजर आए। 40 मिनट में ही लाई मरीज को अस्पताल मालूम हो कि कोरोना के संभावित खतरे से निपटने के लिए फस्र्ट एक्शन टीम को तैयार किया है।
इस टीम के पास जांच के लिए स्पेशल पीपी किट होती है। सूचना मिलने के बाद जेपी अस्पताल के डॉक्टर इस किट के साथ एयरपोर्ट पहुंचे और मरीज को लेकर जेपी अस्पताल आए। जेपी अस्पताल से एयरपोर्ट की दूरी करीब 10 किमी है। एेसे में 20 किमी का रास्ता तय करने में एंबुलेंस को 40 मिनट का समय लगा।