जिम, मैरिज गार्डन, स्वीमिंग पूल तक बंद
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोहिल की तरफ से जारी किए आदेश में पुस्तकालय, जिम, स्वीमिंग पूल, वॉटर पार्क, मैरिज हॉल तक 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिए हैं। धार्मिक आयोजनों में भी कम से कम लोग उपस्थित हों, इसके लिए भी व्यवस्थापकों को अवेयर किया जा रहा है।
दुनिया में फैले कोरोना वायरस का खौफ मैनिट और आरजीपीवी जैसे तकनीकी शिक्षण संस्थानों में देखने मिल रहा है। दुनिया भर में वायरस की चपेट में आने से हुई मौतों के बाद यहां हॉस्टल में रहने वाले एक हजार से ज्यादा इंजीनियरिंग विद्यार्थियों ने अब अपने ही खर्च पर मास्क और जरूरी इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। मैनिट के हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों ने बीते सप्ताह डायरेक्टर नरेंद्र सिंह रघुवंशी से मिलकर २४ एकड़ क्षेत्र में फैले परिसर को सेनीटाइज कराने की मांग की थी। आरजीपीवी के हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों ने भी कुलपति सुनील कुमार गुप्ता को इस दिशा में कदम उठाने मांग की थी लेकिन दोनों ही प्रबंधनों की ओर से इस मामले में औपचारिकताएं तक पूरी नहीं की गईं। मजबूरी में विद्यार्थियों को अब अपने खर्च पर ही करोना से बचने के इंतजाम करने पड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से मैनिट को प्रतिवर्ष स्टूडेंट्स वेलफेयर के लिए लाखों रुपए का फंड मुहैया कराया जा रहा है। तकनीकी शिक्षा संचालनालय मप्र शासन की ओर से भी आरजीपीवी को विद्यार्थियों की सुविधाओं के लिए इस वर्ष ७५ लाख रुपए आवंटित किए गए थे जिसका हिसाब अब विवि प्रबंधन ने नहीं भेजा है।
४५ हजार प्रतिवर्ष ली जाती है फीस
आरजीपीवी और मैनिट प्रबंधन की ओर से विद्यार्थियों से हॉस्टल सुविधा के नाम पर सालाना ४० से ४५ हजार रुपए शुल्क जमा करवाया जाता है। इसके एवज में एक कमरे में तीन से चार बेड लगाकर विद्यार्थियों के ठहरने की व्यवस्था और औसत स्तर के भोजन का इंतजाम होता है। व्यवस्था में सुधार के लिए विद्यार्थियों की ओर से अनेक बार प्रदर्शन किया जा चुका है लेकिन बदइंतजामी जारी है।
वर्जन—-
कोरोना से बचाव के लिए शासन से एडवाइजरी जारी की गई है। सभी संस्थान इसके दायरे में हैं, व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
वीके सिंह, संचालक, तकनीकी शिक्षा