इससे साफ होता है कि इस बार कलेक्टर गाइडलाइन में पंजीयन अफसर मनमानी नहीं कर पाएंगे। वास्तविक बढ़त के आधार पर ही 15 फीसदी वृद्धि प्रस्तावित करने की तैयारी है। दरअसल 5 फरवरी को उपजिला मूल्यांकन समिति की बैठक में पंजीयन अफसरों ने अधिक दर पर हुईं रजिस्ट्री को आधार बनाकर 70 से ज्यादा लोकेशनों पर 15 से 20 फीसदी जमीनों के रेट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था।
उप जिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष और एसडीएम हुजूर ने जांच की तो पता चला कि अधिक लोन के कारण ज्यादातर रजिस्ट्री कलेक्टर गाइडलाइन से अधिक दर पर हुईं हैं। जांच में ये बात सही निकली, इसी के बाद लोकेशनें कम की गईं हैं। अगली बैठक के बाद प्रस्ताव जिला मूल्यांकन समिति के पास भेजा जाएगा।
वर्तमान कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों की दरें 20 फीसदी कम करने का असर ये रहा कि इस बार 25 दिसंबर 2019 तक 1160 लोकेशनों पर रजिस्ट्रियां कलेक्टर गाइडलाइन के डेढ़ से दो गुनी दरों पर हुईं हैं। नरेला शंकरी, पलासी, पटेल नगर, बागमुगालिया व अन्य कॉलोनी, होशंगाबाद रोड, कोलार, जाटखेड़ी, महाबडिय़ा, कल्यानपुर, सलैया सहित अन्य लोकेशनों पर प्लॉट, जमीनों के अच्छे सौदे हुए हैं। लेकिन इसमें 35 फीसदी सौदे बैंक से अधिक लोन के कारण हुए हैं।
बेवजह नहीं बढ़ेंगे रेट इस वर्ष जिस तरह से एक्सरसाइज की जा रही है उससे साफ होता है कि बेवजह जमीनों के रेट नहीं बढ़ाए जाएंगे। जहां वास्तविक विकास हुआ है, वहीं के रेट बढ़ाना प्रस्तवित कर रहे हैं। जबकि इससे पहले अधिकारी कभी अधिक लोनकी रजिस्ट्री की फिर से जांच नहीं करते थे। वही पुराना प्रस्ताव सामने रख दिया जाता था।
गाइडलाइन से अधिक दर पर हुई रजिस्ट्री
लोकेशल——–प्रतिशत -नरेला संकरी —-116
-पलासी———169 – आनंद नगर —-144
– बागमुगालिया—-114 – सलैया ——-315
– महाबडिय़ा——141 अधिकारियों को नए सिरे से प्रस्ताव बनाने को कहा है। अभी पड़ताल कर रहे हैं। जल्द ही अगली बैठक की जाएगी।
– राजेश श्रीवास्तव, एसडीएम हुजूर, अध्यक्ष, उप जिला मूल्यांकन समिति