आयोग के पास अब तक तीन हजार से ज्यादा शिकायतें पहुंची हैं, इनमें तीन सौ के करीब अधिकारी—कर्मचारियों की शिकायतें शामिल हैं जो या तो नेता के रिश्तेदार हैं या फिर भाजपा के लिए काम करने का आरोप उन पर लगा है।
आयोग ने इन सभी शिकायतों की जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा है रिपोर्ट आते ही कई लोगों के तबादले किए जा सकते हैं। इनमें मुख्य रुप से सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग के साढू भाई और शिवपुरी जिले में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक राजन और भजपा विधायक ममता मीना के पति रघुबीर प्रसाद मीणा भी शामिल हैं।
सतना कलेक्टर मुकेश शुक्ला के संबंध में बार-बार शिकायतें आयोग के पास आ रही हैं कि वह भाजपा के पक्ष में काम कर रहे हैं और सीएम के जन आशीर्वाद यात्रा में भी वह शामिल हुए थे।
यह शिकायतें आयोग में लंबित
— कमिश्नर ग्वालियर संभाग, बीएम शर्मा- इनकी शिकायत कांग्रेस ने की है। कांग्रेस का कहना है कि वे भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। इसके अलावा वे ग्वालियर के ही रहने वाले हंै। यहां पर पहले भी विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। उन्हें यहां से हटाया जाए, निष्पक्ष तरीके से मतदान हो सके।
–कलेक्टर उमरिया, माल सिंह भयडिय़ा – इसकी शिकायत कांग्रेस के नेताओं ने की है। इनका कहना है कि यह भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। साथ ही एक वर्ग विशेष को संरक्षण देते हैं। इनके वहां रहने से कांग्रेस का वोट बैंक प्रभावित होगा, इन्हें यहां से हटाया जाए।
— एसपी शहडोल, कुमार सौरभ -इसकी शिकायत भाजपा ने की है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि यह वह एक वर्ग विशेष के लिए काम करते हैं। भारत बंद के दौरान लोगों पर लाठी चार्ज कर इन्होंने पार्टी के जनाधार को कमजोर करने की कोशिश की है। निष्पक्ष चुनाव के लिए उन्हें वहां से हटाया जाए।