सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने बिजली के बढ़ते बिलों को काबू में करने के लिए कई प्रयास किए थे। इसके तहत सस्ती बिजली की योजना लागू करने के अलावा हर जिला स्तर पर कमेटी गठित करने के आदेश दिए थे। इस कमेटी को बिजली बिलों को घटाने सहित अन्य समस्या के समाधान के लिए अधिकार दिए गए थे, लेकिन इन कमेटियों ने कोई बैठक नहीं की।
राज्य स्तर पर निर्देश के बावजूद किसी भी जिला मुख्यालय पर कमेटी की बैठक नहीं की गई। इस दौरान सरकार ने इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत 150 यूनिट तक एक रुपए प्रति यूनिट बिजली की योजना लागू कर दी, जिसके बाद जिला स्तरीय इन कमेटियों की बैठक करने की पहल भी ठंडे बस्ते में चली गई है। इस कारण अब राज्य मुख्यालय से जिलों को इन कमेटियों को लेकर पूरी रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया है।
सस्ती बिजली का असर-
१५० यूनिट पर एक रुपए प्रति यूनिट बिजली का असर एेसा रहा कि लाखों लोगों का बिल घटकर सौ रुपए में सिमट गया है। इस कारण इन कमेटियों के पास शिकायत करने की स्थिति भी बेहद कम हो गई। सरकार अब इस योजना के असर को लेकर ब्रांडिंग की भी तैयारी कर रही है। इसी कारण इन कमेटियों को एक्टिव किया जाएगा, ताकि फीडबैक सिस्टम के सहारे पॉजीटिव फीडबैक को ब्रांडिंग में शामिल किया जा सके।
निकाय चुनाव में कैम्पेनिंग-
आगामी निकाय चुनाव में सरकार बिजली बिल घटाने को लेकर बड़ी कैम्पेनिंग भी प्लान कर रही है, क्योंकि शहरों से लेकर गांवों तक बिजली बिलों में कमी का फीडबैक सरकार को मिला है। इस कारण हर जिले और विधानसभा का पूरा रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है। इस रिपोर्ट कार्ड के सहारे ही नगरीय निकाय चुनाव में कैम्पेनिंग तैयार की जाएगी, ताकि पार्टी को इसका फायदा मिल सके।
इनका कहना- बिजली बिलों को लेकर जिला स्तर पर कमेटियां बनाई थी, इनका काम शुरू हो गया है। कमेटी के कामों को लेकर भी जल्द मानीटरिंग की जाएगी। लेकिन, अभी तो लोगों को बिजली बिल कम होने से राहत मिली है।
– प्रियव्रत सिंह, मंत्री, ऊर्जा विभाग, मप्र