कंपनी के दावे के बाद पार्र्किंग सेल ने मौका मुआयना किया तो तमाम तरह की खामियां मिलीं। निगम परिषद में २० स्मार्ट पार्र्किंग पूरी होने का दावा एमआइसी दिनेश यादव के माध्यम से कराया गया था, लेकिन हकीकत में अभी १८ पर ही काम की स्थिति सामने आई।
निगम के इंसपेक्टर ने सभी पार्र्किंग का निरीक्षण किया तो सबसे अधिक खामी कैमरों में दिखी। जिन पार्र्किंग के पूरा होने का दावा किया जा रहा है उनमें से ४० फीसदी में अब तक कैमरे नहीं लगे हैं, एेेसे में मॉनिटरिंग और सुरक्षात्मक खामियों की आशंका है। न्यू मार्केट में तो एक भी कैमरा नहीं लगा और इसे पूरी तरह विकसित होने का दावा किया जा रहा है। यहीं स्थिति दस नंबर, सरगम, एमपी नगर की अन्य पार्र्किंग पर है। कंपनी की सोनिया पाठक ने इसे तकनीकी दिक्कत बताकर खारिज कर दिया।
निगम के कंसलटेंट नुमान अली पूरी बैठक में स्मार्ट पार्र्किंग कंपनी माइंडटेक का साथ देते रहे। अली स्मार्ट पार्र्किंग में सबकुछ बेहतर बताते हुए कंपनी को आगे का काम करने और इन पार्र्किंग के पूरा होने का सर्टिफिकेट देने की वकालत की। बैठक में अपर आयुक्त कमल सोलंकी, अधीक्षण यंत्री पीके जैन, इंजीनियर एके टटवाडे़ समेत अन्य अफसर उपस्थित थे।
इधर, रेलवे के भुगतान में देरी से रुका बावडि़याकला आरओबी का काम
शहर के आठवें रेलवे ओवर ब्रिज बावडि़याकला आरओबी का काम फरवरी २०१८ की डेडलाइन में पिछडऩे के बाद दोबारा बंद हो गया। ठेका कंपनी व लोक निर्माण विभाग की बैठक में रेलवे की ओर से समय पर भुगतान नहीं किया जाना वजह बताई जा रही है। ४० करोड़ की लागत वाले ब्रिज पर पीडब्ल्यूडी, रेलवे संयुक्त रूप से आर्थिक भार वहन कर रहे हैं। पीडब्ल्यूडी का दावा है, रेलवे की वजह से शेष ३० प्रतिशत काम समय पर पूरा नहीं हो पा रहा है। जबकि ७० प्रतिशत हिस्से पर कंस्ट्रक्शन हो चुका है।
शहर के आठवें रेलवे ओवर ब्रिज बावडि़याकला आरओबी का काम फरवरी २०१८ की डेडलाइन में पिछडऩे के बाद दोबारा बंद हो गया। ठेका कंपनी व लोक निर्माण विभाग की बैठक में रेलवे की ओर से समय पर भुगतान नहीं किया जाना वजह बताई जा रही है। ४० करोड़ की लागत वाले ब्रिज पर पीडब्ल्यूडी, रेलवे संयुक्त रूप से आर्थिक भार वहन कर रहे हैं। पीडब्ल्यूडी का दावा है, रेलवे की वजह से शेष ३० प्रतिशत काम समय पर पूरा नहीं हो पा रहा है। जबकि ७० प्रतिशत हिस्से पर कंस्ट्रक्शन हो चुका है।
इन इलाकों को सीधी राहत
सिंगारचोली, छोला, भारत टाकीज, बोगदा पुल, सुभाष नगर, चेतक, सावरकर सेतू के बाद बावडि़याकला आरओबी के बनने से कोलार, शाहपुरा, चूनाभट्टी, दानापानी में रहने वाली लाखों की आबादी को होशंगाबाद रोड, मिसरोद, कटारा हिल्स तक पहुंचने के लिए सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। अभी यही आबादी बावडि़याकला फाटक पर निर्भर है जो दिन में १०० से ज्यादा बार बंद रहता है। आरओबी बनने के बाद फाटक हमेशा के लिए बंद हो जाएगा।