विभाग की पड़ताल में सामने आया है कि जिस समय प्रज्ञा का केस बंद किया गया, उस समय कानूनी अभिमत नहीं लिया गया था। उस समय लोक अभियोजक अधिकारी ने जो अभिमत दिया था, उसे भी अनेदखा कर दिया गया था।
अब इस आधार पर पूरे केस की डिटेल रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। प्रज्ञा के लिए अब जीत और हार दोनों सूरत में मुश्किलें बढ़ेंगी। मंगलवार को विधि मंत्री पीसी शर्मा ने सुनील जोशी हत्याकांड में तत्कालीन कोर्ट आदेश और केस की डिटेल का अध्ययन किया। इसके लिए विधि विभाग के अफसरों को भी बुलाया गया था।
विधि विभाग कानूनी पहलु को देख रहा है। इसमें तत्कालीन लोक अभियोजक के अभिमत को भी अनेदखा करने की जानकारी सामने आई है। कानूनी अभिमत लेकर वापस केस खोला जा सकता है।
पीसी शर्मा, मंत्री, विधि विभाग, मप्र
चुनाव परिणाम के बाद तय होगा प्रज्ञा पर कार्रवाई होगी या नहीं
नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताकर विवादों में फंसी प्रज्ञा ठाकुर पर भाजपा संगठन कार्रवाई करेगा या नहीं, यह लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद तय होगा। एनडीए के प्रमुख घटक दल जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रज्ञा को भाजपा से बाहर करने की मांग के बाद यह दबाव बढ़ गया है।
इस मामले में सोमवार को दिल्ली में भाजपा आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा की है। भाजपा प्रज्ञा पर फिलहाल कोई कार्रवाई करने के मूड में नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोडसे विवाद पर सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जता चुके हैं।