जानकारों की मानें तो कमलनाथ सरकार पर चार दिनों से छाए संकट के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक दिन पहले थोड़ी राहत मिलने के बाद गुरवार को फिर सियासी संग्राम छिड़ गया। बेंगलुर भेजे गए कांग्रेस के तीन विधायक (बिसाहूलाल सिंह, रघुराज सिंह कंषाना और हरदीप सिंह डंग) और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के गुरुवार को भोपाल तक पहुंचने की संभावना जताई गई थी, लेकिन वे लौटे तो नहीं बल्कि सोशल मीडिया के अनुसार सुवासरा से कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेज दिया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने अधिकृत वक्तव्य में कहा है कि हरदीप सिंह ढंग हमारी पार्टी के विधायक है।उनके इस्तीफ़ा देने की ख़बर मिली है।लेकिन मुझे अभी तक उनका इस संबंध में ना तो कोई पत्र प्राप्त हुआ है, ना उन्होंने मुझसे अभी तक इस संबंध में कोई चर्चा की है और ना प्रत्यक्ष मुलाक़ात की है। जब तक मेरी उनसे इस संबंध में चर्चा नहीं हो जाती, तब तक इस बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा।
कांग्रेस जिन विधायकों की खरीद-फरोख्त किए जाने का आरोप भाजपा पर लगा रही थी, गुरवार को उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी व जयवर्धन सिंह को चेतावनी दे दी कि वे अपने नंबर बढ़ाने के लिए ऐसे बयान न दें। बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने कहा कि कांग्रेस के मंत्री सुधर जाएं वरना अगली बार रेस्क्यू का मौका भी नहीं मिलेगा। समाजवादी पार्टी के विधायक राजेश शुक्ला ने चेताया कि वे कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे हैं, पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया तो प्रमाण दो, वरना राज्यसभा चुनाव में हमें क्या फैसला लेना हैं, हम तय करेंगे।
इस इस्तीफे के साथ ही कमलनाथ सरकार के भविष्य पर संकट और ज्यादा गहरा गया है। इससे पहले जिन कांग्रेस और सपा-बसपा विधायकों को दिल्ली से विशेष विमान से भोपाल लाया गया था, उन्होंने भी आज तीखे तेवर दिखाए। कांग्रेस को इन विधायकों ने चेतावनी दी कि वे अपने बयानों पर लपुलिस महानिदेशक वीके सिंह गाम लगाएं, वरना अगली बार उन्हें रेस्क्यू का मौका भी नहीं मिलेगा। विधायकों के तेवर देखने से साफ झलक रहा है कि कमलनाथ सरकार पर छाया संकट के और ज्यादा गहराने आसार हैं।