देवास-शाजापुर संसदीय सीट में आठ विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें देवास से भाजपा की गायत्री पवार, सोनकच्छ से कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा, हाटपिपल्या से कांग्रेस के मनोज चौधरी, शाजापुर से कांग्रेस के हुकम सिंह कराड़ा, शुजालपुर से भाजपा के इंदरसिंह परमार, आगर से भाजपा के मनोहर ऊंटवाल, कालापीपल से कांग्रेस के कुणाल चौधरी ने जीत हासिल की है। विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखा जाए तो कांग्रेस का पलड़ा लोकसभा चुनाव में भाजपा के मुकाबले भारी दिख रहा है। वहीं, आष्टा में भाजपा के रंजीतसिंह है।
– लोकसभा में नाराजगी पड़ सकती भारी
भाजपा को विधानसभा चुनाव में किसान, व्यापारी, युवाओं के साथ सवर्णों की नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़ा था। अब लोकसभा चुनाव के चंद महीने शेष हैं और ऐसे में यदि इन सभी वर्गों की नाराजगी सरकार से दूर नहीं हुई, तो भाजपा को लोकसभा चुनाव में इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। सांसद मनोहर ऊंटवाल ने भी कार्यकाल पूरा होने के पूर्व ही लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, पूरे क्षेत्र में केंद्र सरकार की ओर से कोई बड़ा उल्लेखनीय कार्य देखने में नहीं आया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि भाजपा का नया प्रत्याशी क्षेत्र की जनता से वोट मांगने के दौरान क्या दावे और वादे करेगा। कांग्रेस ने इस सीट से दो मंत्री बनाकर घेरने की भी तैयारी कर दी है।