मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार ने कलेक्टर-एसपी को हटाने के लिए चुनाव आयोग को तीन-तीन नामों का पैनल बनाकर भेज दिया। आयोग की मंजूरी मिलते ही अधिकारी बदल दिए जाएंगे।
जान को खतरा बता बंधक बनाने का आरोप
मेड़ा ने जान को खतरा बताते हुए कमलनाथ से कहा कि धामनोद और सुन्दे्रल शराब दुकान के ठेकेदार ने अभद्र भाषा और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने इसकी शिकायत की तो भी स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। मेड़ा ने आरोप लगाया कि धार के सहायक जिला आबकारी अधिकारी राधेश्याम राय शराब माफिया को सहयोग करते हैं। मेड़ा ने कहा, जब वे शिकायत करने पुलिस के पास गए तो शराब कारोबारियों के समर्थकों ने उन्हें चार घंटे तक बंधक बनाए रखा।
विधायक ने इस मामले में एसपी वीरेन्द्र कुमार से कार्रवाई की बात कही तो उन्होंने उलटे विधायक को ही पिछले रास्ते से निकल जाने को कहा। विधायक की बात सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने नाराज होते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि को इस तरह की स्थिति का सामना क्यों करना पड़ रहा है? उन्होंने तुरंत कलेक्टर-एसपी को हटाने के निर्देश दिए।
यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। विधायक मेढ़ा की सीएम से बात हो चुकी है। अब कोई विरोध नहीं है।
बाला बच्चन, मंत्री, गृह विभाग मप्र