प्रदेश में किसान वर्ग सरकार बनाने की ताकत रखता है। कांग्रेस ये मानती है कि वचन पत्र में किसान कर्ज माफी किसानों को कांग्रेस की ओर लेकर आई जिससे 15 साल बाद 15 महीने की कमलनाथ सरकार बन पाई। भाजपा ने भी किसान कर्ज माफी छलावा बताकर प्रदेश में कांग्रेस की किरकिरी कराई और वो उपचुनाव भी हार गई। यही कारण है कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन की आग की आंच प्रदेश में भी दिखाने कोशिश कर पार्टी को फिर से खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर कहते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार के बनाए तीन काले कृषि कानूनों को रद्द किये जाने को लेकर किसान आंदोलन के समर्थन में मुरैना में विशाल किसान महापंचायत का आयोजन किया गया है। कांगे्रस इस आयोजन के माध्यम से तीन काले कृषि कानूनों को रद्द करने और किसानों के हित में निर्णय लिये जाने की मांग का पुरजोर समर्थन करेगी।