सरकार से नाराज चल रहे किसानों को कांग्रेस भरोसा दिलाने का प्रयास कर रही है कि कांग्रेस सरकार आई तो उनकी मांगों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तो चुनावों को देखते हुए मंदसौर में यह घोषणा कर गए थे कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है तो १० दिनों में किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। कांग्रेस किसानों से यह वादा लगातार दोहरा रही है। किसान भी कर्ज माफ किए जाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
विधानसभावार जिम्मेदारी तय –
पूरी रणनीति के साथ काम कर रही कांग्रेस ने नेताओं की विधानसभावार जिम्मेदारी तय की है। विधानसभा स्तर पर किसान मांग पत्र भेजकर कहा गया है कि उन्हें ब्लॉक और गांव स्तर तक भरवाया जाए। अगले माह तक उन्हें यह मांग पत्र भरवाकर पीसीसी भेजना है।
कांग्रेस का प्लान गांव-गांव जाकर एक-एक किसान से मांग पत्र भरवाने की है। इसमें संबंधित व्यक्ति का नाम, गांव, ब्लॉक, जिला और कर्ज की राशि भी पूछी जाएगी। लिखित में यह जानकारी इसलिए भी ली जाएगी जिससे किसानों को भरोसा हो जाए कि जब कर्ज माफ किए जाने की बारी आएगी तो उसको भी इसका लाभ मिलेगा। कांग्रेस कर्ज माफी के साथ ही बिजली बिल आधा किए जाने के बादे के साथ सरकार से समर्थन मूल्य का हिसाब भी मांग रही है।
चुनाव में किसान मुद्दा रहे हैं। इस बार भी राज्य के प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस किसानों को साथ लेकर चलने के प्रयास में हैं। भाजपा सरकार ने किसानों की ब्याज माफी की घोषणा की तो इसके जवाब में कांग्रेस कर्ज माफी का एलान कर दिया। सरकार की ब्याज माफी पर कांग्रेस की कर्ज माफी घोषणा भारी पड़ती नजर आ रही है। उन्हें भरोसा है कि कांग्रेस उनका कर्ज माफ कर देगी, इसलिए उन्होंने कर्ज चुकाना ही बंद कर दिया है। कांग्रेस इसे अपने लाभ के रूप में देख रही है।
दिनेश गुर्जर, अध्यक्ष मध्यप्रदेश किसान कांग्रेस